छप्पन इंच का सीना और तखत के नीचे छुपना मोदी का
छप्पन इंच का सीना और तखत के नीचे छुपना मोदी का
पूर्वांचल के विकास के दो दशक तो 'राम लला' के नाम खर्च हो गये!
अंबरीश कुमार
लखनऊ, 24 जनवरी। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी किस तरह आम लोगों को अपनी लच्छेदार भाषा से झाँसा देते हैं यह उनकी गोरखपुर की बड़ी रैली में साफ़ हो गया। राजनैतिक अहंकार में डूबे मोदी किसी भी पिछड़े राज्य का उपहास उड़ाते हुये यह भूल जाते हैं कि बहुत से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानको पर केरल ज्यादा विकसित राज्य है ना कि गुजरात। पर वे गुजरात को मॉडल बनाते हुये कई बार गलत तथ्य भी देते हैं जो उनके जाने के बाद उपहास का विषय बन जाता है। शुक्रवार को गोरखपुर की रैली में उन्होंने इस तरह की कई जानकारी दी जो पूर्वांचल के लोगों के लिये हैरान करने वाली थी।
पूर्वांचल में जब वे कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर हमला कर रहे थे तो बड़ा मुद्दा गोरखपुर के उर्वरक कारखाने का उठाया और उसकी बंदी का ठीकरा भी इन पर फोड़ दिया। यह कारखाना दस जून वर्ष 1990 को बंद हुआ था जब भाजपा के समर्थन वाली जनता दल सरकार केन्द्र में थी। इसे खोले जाने की जो कई कोशिशे बाद में हुयीं उस समय केन्द्र में वाजपेयी कि सरकार थी। प्रदेश में भी भाजपा की सरकार कई बार रही पर विकास का मुद्दा नहीं मंदिर का मुद्दा उनकी प्राथमिकता पर नहीं रहा। तब नारा गूँजता था ' राम लला हम आएंगे मंदिर वही बनाएंगे।' उत्तर प्रदेश के विकास के दो दशक राम लला के नाम चले गये यह मोदी तो जानते भी है फिर ठीकरा दूसरों के सर क्यों फोड़ रहे है यह सवाल सभी उठा रहे हैं।
उत्तर प्रदेश को पीछे ले जाने में करीब दो दशक तक चले मंदिर आन्दोलन की बड़ी भूमिका है जिसके बाद सामाजिक बदलाव की जो प्रक्रिया चली उसने इस राज्य का राजनैतिक एजेंडा ही बदल दिया। ऐसे में विकास का मुद्दा पीछे रह गया। पर ऐसा भी नहीं कि इस बीच कुछ हुआ ही नहीं। मोदी को पता नहीं है कि दूध उतपादन में उत्तर प्रदेश बहुत से राज्यों से आगे है। आंकड़ों के मुताबिक पूर्वी राज्यों बिहार, पश्चिमी बंगाल, झारखंड, उड़ीसा, और आसाम का दूध उत्पादन 142.9 लाख टन है। यह आंकड़ा अपने आप में काफी कम है। आश्चर्य की बात यह है कि इन राज्यों का दूध उत्पादन अकेले उत्तर प्रदेश से भी कम है। आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश का दूध उत्पादन 202 लाख टन है। यूपी के बाद दूध उत्पादन के मामले में आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा का स्थान आता है। वर्ष 2009-10 के दौरान बिहार का दूध उत्पादन 61.64 लाख टन रहा। पश्चिमी बंगाल का दूध उत्पादन 43 लाख टन रहा। उड़ीसा का दूध उत्पादन जहाँ 16.51 लाख टन रहा। वहीं झारखंड का दूध उत्पादन 14.63 लाख टन रहा। इस अवधि के दौरान आसाम का दूध उत्पादन 7.56 लाख टन रहा। यह एक जानकारी है।
इसी तरह वे गोरखपुर में बोल गये कि यहाँ के विश्वविद्यालयों के सत्र पीछे चल रहे हैं, यह जानकारी भी अस्सी और नब्बे के दशक की है और आज सत्र समय पर चल रहे है अपवाद सिर्फ एक विश्वविद्यालय है। यह कुछ उदाहरण है जो बताते हैं कि मोदी कहीं पर भी कुछ भी बोल सकते हैं। ऐसे ही वे छप्पन इंच के सीने का उदाहरण देते हुये यह भूल गये कि वर्ष 2000 के दिसंबर में रायपुर के एकात्म परिसर में वे किस तरह आम कार्यकर्ताओं से डर कर तखत के नीचे डेढ़ घंटे तक छुपे रहे।
समाजवादी पार्टी ने यह मुद्दा उठाते हुये बताया कि जब छतीसगढ़ में अजित जोगी मुख्यमंत्री बने तो विपक्ष के नेता पद को लेकर बृजमोहन अग्रवाल के दावे को जब प्रदेश भाजपा ने नकार दिया तो उनके समर्थकों ने हंगामा किया और पर्यवेक्षक के रूप में आये नरेंद्र मोदी डर के मारे कमरे में रखे तखत के नीचे चुप गये। अब वे छप्पन इंच का सीना दिखा रहे हैं जो उनका गुजरात में हुये नरसंहार का अहंकारी जवाब है। पर उत्तर प्रदेश में ऐसे टोटकों से काम नहीं चलने वाला।
साफ़ है मोदी अपनी टिपण्णी से विरोधियों को भी बोलने का खुला मौका दे रहे हैं।


