याद है डॉ. राम मनोहर लोहिया का जुमला? “ज़िन्दा कौमें पाँच साल इंतजार नहीं किया करतीं”। डॉ. लोहिया के नाम की माला जपने वाली यूपी सरकार अपनी असलियत पर उतर आई है। खबर मिली है कि दुर्गा शक्ति नागपाल प्रकरण पर उत्तर प्रदेश की तथाकथित समाजवादी सरकार ने जाने माने साहित्यकार डॉ. कँवल भारती की गिरफ्तारी करवा दी है। भारती जी ने फेसबुक पर टिप्पणी करके सरकार की आँखें खोलने भर का गुनाह किया था। भारती जी के उस फेसबुक स्टेटस को सैकड़ों लोगों ने फेसबुक पर शेयर किया था।

खबर मिली है कि डॉ. भारती को जमानत मिल गयी है लेकिन समाचार लिखे जाने तक डॉ. भारती अपने घर नहीं पहुँचे थे और उनके मोबाइल पर संपर्क करने पर जमानत की पुष्टि नहीं हो सकी।

जाने-माने मानवाधिकार और अंबेडकरवादी कार्यकर्ता विद्या भूषण रावत ने बताया कि “प्रख्यात अम्बेडकरवादी साहित्यकार श्री कँवल भारतीजी को रामपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जैसा कि आप जानते हैं कि कंवलजी फेसबुक पर लगातार दुर्गा नागपाल के मामले में लिख रहे थे और उन्होंने राजनैतिक गुंडागर्दी के विरुद्ध लिखा। बताया जा रहा है के पुलिस के लोग सुबह सुबह उन्हें गिरफ्तार करके ले गए हैं और उन्हें किसी मिलने दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में यदि सरकार और उसके प्रतिनिधि विचारों को रोकने के लिए ऐसा काम करेंगे तो ऐसे प्रदेश की हालात क्या होंगे वोह सोचनीय है।“

सोशल मीडिया पर सरकारर की कड़ी निन्दा हो रही है और रामपुर के स्थानीय नेता और मौ. आज़म खाँ व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की जबर्दस्त आलोचना हो रही है।

जनवादी साहित्यकार अशोक कुमार पाण्डेय ने कहा है कि कंवल भारती जी की गिरफ्तारी (हालांकि अभी खबर मिली की जमानत हो गयी है) समाजवादी सरकार के फासीवादी मंसूबों को साफ़ करती है। इसकी घोर निंदा की जानी चाहिए। लगता है 'विनाश काले विपरीत बुद्धि' का यह ठोस उदाहरण है।

पत्रकार नितीश आनंद लिखते हैं-“मैं यह जानना चाहता हूँ कि उनकी गिरफ्तारी से पहले क्या रामपुर पुलिस ने अपने वरिष्ठतम अधिकारियों से आदेश प्राप्त किया था? ज्ञात हो कि कुछ समय पहले न्यायालय अपने एक आदेश में कह चुकी है कि अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के बिना पुलिस ऐसे मामलों में लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकती है।“