Generative Artificial Intelligence (GenAI): A global paradigm shift, with China overtaking India

वैश्विक बौद्धिक सम्पदा संगठन (WIPO) की नवीन रिपोर्ट के अनुसार, जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GenAI) के पेटेंट अर्ज़ियाँ दर्ज करने में चीन अग्रणी हैं। चीन ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्र में अमेरिका और अन्य प्रमुख देशों को पीछे छोड़ दिया है। जनरेटिव एआई के आविष्कार से विभिन्न क्षेत्रों में नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं, जैसे कि जीवन विज्ञान, विनिर्माण, सुरक्षा, और दूरसंचार। WIPO की इस रिपोर्ट से नीति निर्माताओं को जनरेटिव एआई के विकास और उपयोग को समझने में मदद मिलेगी, जो भविष्य में इस प्रौद्योगिकी के उपयोग से समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकती है। संयुक्त राष्ट्र समाचार की एक रिपोर्ट

WIPO: जनरेटिव एआई के पेटेंट में चीन सबसे आगे, भारत भी पीछे नहीं

एक नवीन रिपोर्ट के अनुसार, चीन जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (GenAI) की पेटेंट अर्ज़ियाँ दर्ज कराने में सबसे आगे है. चीन के आविष्कारकों ने इस क्षेत्र में, अमेरिका, कोरिया गणराज्य, जापान और भारत जैसे अन्य प्रमुख देशों को पीछे छोड़ दिया है.

विश्व बौद्धिक सम्पदा संगठन (WIPO) की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2023 में समाप्त हुए दशक के दौरान, जनरेटिव एआई के 54 हज़ार आवेदन दर्ज कराए गए.

इनमें 25 प्रतिशत से अधिक तो, केवल वर्ष 2023 में ही दर्ज कराए गए हैं.

ग़ौरतलब है कि जनरेटिव एआई (GenAI) की मदद से लोग टैक्स्ट, तस्वीरें, संगीत और कंप्यूटर कोड जैसी सामग्री बना सकते हैं. इसमें ChatGPT, गूगल जैमिनी और बाइडू (Baidu) के ERNIE जैसे चैट बॉट्स भी शामिल हैं जो औद्योगिक व उपभोक्ता उत्पाद हैं.

चीन की बढ़त

2014 से 2023 के दौरान, 38 हज़ार से अधिक जनरेटिव एआई पेटेंट आवेदन, चीन ने दर्ज कराए हैं, जो अमेरिका से छह गुना अधिक हैं.

शीर्ष पाँच आविष्कारक देशों में चीन (38,210 आविष्कार), अमेरिका (6,276 आविष्कार), कोरिया गणराज्य (4,155 आविष्कार), जापान (3,409) और भारत (1,350) हैं.

भारत, जनरेटिव एआई आविष्कार के मामले में, पाँचवाँ सबसे बड़ा स्थान है और उसने, पाँच शीर्ष आवेदकों में, सबसे अधिक औसत वार्षिक वृद्धि दर्ज की, जोकि 56 प्रतिशत थी.

रिपोर्ट के अनुसार, जनरेटिव एआई अब जीवन विज्ञान, विनिर्माण, परिवहन, सुरक्षा और दूरसंचार सहित अन्य व्यवसायों में फैल रही है.

जीवन को बदल देने की क्षमता

WIPO के महानिदेशक डैरेन टैंग ने कहा है, "जनरेटिव एआई एक ऐसी रूपान्तरकारी प्रौद्योगिकी के रूप में उभरी है जिसमें, हमारे कार्य करने, जीवन जीवन और खेलने के तरीक़ों को पूरी तरह बदल देने की क्षमता है.”

“पेटेंटिंग के रुझानों और डेटा के विश्लेषण से WIPO को यह उम्मीद है कि सभी लोगों को, तेज़ी से विकसित हो रही इस तकनीक और इसकी भविष्य दिशा को समझने में मदद मिलेगी.”

उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट से नीति निर्माताओं को जनरेटिव एआई को आम लोगों की भलाई के लिए विकसित करने में मदद मिलेगी और यह रिपोर्ट नए आविष्कारकों, शोधकर्ताओं और अन्य लोगों को जनरेटिव एआई के तेज़ी से विकसित हो रहे परिदृश्य और इसके वैश्विक प्रभाव को समझने में मदद करेगी.

जनरेटिव एआई पेटेंट आवेदनों में तेज़ी से वृद्धि हो रही है. रिपोर्ट के अनुसार 2014 से 2023 तक GenAI सम्बन्धित 54 हज़ार आविष्कार पेटेंट अर्ज़ियाँ दाखिल हुई हैं और 75 हज़ार से अधिक वैज्ञानिक सामग्री-पत्र प्रकाशित हुए हैं.

वर्तमान स्थिति और भविष्य

जनरेटिव एआई पेटेंट विभिन्न क्षेत्रों में फैले हुए हैं, जिनमें जीवन विज्ञान, दस्तावेज़ प्रबन्धन और प्रकाशन, व्यापार समाधान, उद्योग और विनिर्माण, परिवहन, सुरक्षा और दूरसंचार सहित प्रत्येक क्षेत्र में 2 हज़ार से अधिक आविष्कार शामिल हैं.

भविष्य में, जनरेटिव एआई नए अणुओं की रचना करने में मदद कर सकता है, जिससे दवाइयों के विकास को तेज़ करने में मदद मिल सकती है. साथ ही जनरेटिव एआई से, दस्तावेज़ प्रबन्धन और प्रकाशन में कार्यों को स्वचालित भी किया जा सकता है.

इसे रिटेल सहायता प्रणालियों, ग्राहक सेवा चैटबॉट्स, सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों और नए उत्पादों की रचना व अनुकूलन में इस्तेमाल किया जा सकता है.