जब तक खालिद के हत्यारे यूपी के वंजारा गिरफ्तार नहीं होंगे चलेगा रिहाई मंच का धरना
जब तक खालिद के हत्यारे यूपी के वंजारा गिरफ्तार नहीं होंगे चलेगा रिहाई मंच का धरना
लफ्फाजी की कीमत सपा को चुकानी पड़ेगी।
खालिद के न्याय के लिये अवाम के बल पर अन्तिम दम तक लड़ेगा रिहाई मंच- मो0 शुएब
आज क्रमिक उपवास पर कमर सीतापुरी बैठे
धरने स्थल पर फूँका गया आईबी प्रमुख आसिफ इब्राहिम का पुतला
खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिये पच्चीसवें दिन भी जारी रहा रिहाई मंच का अनिश्चितकालीन धरना
लखनऊ 15 जून। खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस व आईबी अधिकारियों की गिरफ्तारी, आरडी निमेष आयोग की रिपोर्ट पर सरकार द्वारा एक्शन टेकन रिपोर्ट जारी कर दोषी पुलिस व आईबी के अधिकारियों को गिरफ्तार करने और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाहों को तत्काल रिहा करने की माँग को लेकर रिहाई मंच का अनिश्चितकालीन धरना पच्चीसवें दिन भी जारी रहा। आज क्रमिक उपवास पर कमर सीतापुरी बैठे।
विधान सभा धरना स्थल पर सोशलिस्ट फ्रन्ट ऑफ इण्डिया के नेता मो0 आफाक ने आईबी प्रमुख आसिफ इब्राहिम का पुतला फूँकते हुये कहा कि इस देश में आतंकवाद को फैलाने का काम आईबी ही कर रही है, आज जब यह साफ हो गया है कि इशरत जहाँ के फर्जी मुठभेड़ में आईबी अफसर राजेन्द्र कुमार का हाथ था तो देश की सुरक्षा के लिये जिस खुफिया एजेंसी को ऐसे देशद्रोही तत्वों को गिरफ्तार कर खुद जेल भेज देना चाहिये था। उसके प्रमुख आसिफ इब्राहिम द्वारा राजेन्द्र कुमार को संरक्षण देना यह साफ करता है कि ऐसी घटनाओं में आईबी की संलिप्तता आम हो गयी है जिसे आईबी के अफसर अपराध नहीं मानते हैं।
रिहाई मंच के अध्यक्ष मो0 शुऐब ने बताया कि प्रशासन ने अनिश्चित कालीन धरने को समाप्त करने की बात की जिस पर हमने साफ कहा है कि जब तक हमारी माँगों को माना नहीं जाता और खालिद के हत्यारे दोषी आतंकी पुलिस व आईबी अधिकारी जिन्हें निमेष कमीशन ने भी दोषी कहा है, को जब तक सरकार निमेष कमीशन की रिपोर्ट पर एक्शन टेकन रिपोर्ट लाते हुये गिरफ्तार नहीं करती तब तक हम मौलाना खालिद के न्याय के लिये लखनऊ विधान सभा धरना स्थल पर अनिश्चित कालीन धरने को चलाते रहेंगे क्योंकि यह मामला सिर्फ मौलाना खालिद तक सीमित नहीं है बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ा है। इन दोषी आतंकी पुलिस व आईबी अधिकारियों का आतंकवादी वारदातों में संलिप्ता पुख्ता प्रमाणित हो चुकी है।
मो0 शुऐब ने कहा कि अवाम के बल पर अन्याय के खिलाफ न्याय के लिये इस लड़ाई में अन्तिम दम तक लड़ा जायेगा। प्रशासन के आग्रह पर अनिश्चित कालीन धरने के पच्चीसवें दिन फिर से हमने एक चौदह सूत्री माँग पत्र मुख्यमन्त्री के नाम भेज दिया है।
अनिश्चित कालीन के धरने के समर्थन में मेरठ के डेमोक्रेटिक वेलफेयर सोसाइटी सिविल कोर्ट सहारनपुर के वकीलों का समर्थन लेकर आये अधिवक्ता अमजद अली खान ने कहा कि खालिद मुजाहिद की हत्या के बाद इस बात का संदेह होने लगता है कि हम लोकतन्त्र में ही जी रहे हैं या फिर किसी तानाशाही राज्य में। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जिस तरह से सरेआम हत्याएं हो रही हैं वह यह साबित करती हैं कि इस राज्य में प्रशासन के कर्मचारी तो दूर आम जनता तो कत्तई सुरक्षित नहीं है।
धरने को सम्बोधित करते हुये भाकपा माले के वरिष्ठ नेता व इंकलाबी मुस्लिम कांफ्रेंस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सलीम ने कहा कि हिन्दुस्तान में पूँजीपतियों की बाधा बनने वालों के खिलाफ कानून बना दिये जाते हैं। बिल गेट्स व चेल्सी क्लिंटन फाउंडेशन के साथ उत्तर प्रदेश सरकार का समझौता कब खत्म होगा? सोनभद्र व मिर्जापुर के वनवासियों व आदिवासियों को नक्सली बताकर हत्या की जा रही है, गन्ना मिलों ने किसानों का भुगतान नहीं किया। किसानों पर लाठी गोली चल रही है। अकलियत के नौजवानों का ठण्डे दिमाग से कत्ल किया जा रहा है। किसानों-मजदूरों के बेटों को जेलों में डाल दिया गया है। किसानों व मुसलमानों के साथ अखिलेश सरकार ने धोखा किया है। किसान हिन्दू या मुसलमान नहीं होता है।
राष्ट्रीय भागीदारी आन्दोलन के संयोजक पीसी कुरील और पिछड़ा महासभा के एहसानुल हक मलिक ने कहा कि खालिद मुजाहिद की हत्या की घटना न्याय की हत्या है। सपा बताये कि क्या निर्दोषों को छोड़ देने की बातें फर्जी थीं या सिर्फ वोट पाने के लिये मुसलमानों के साथ एक क्रूर लफ्फाजी थी। उन्होंने साफ कहा कि इस लफ्फाजी की कीमत सपा को चुकानी पड़ेगी।
धरने के समर्थन में फर्रुखाबाद से युवा पीढ़ी समाचार पत्र के सम्पादक योगेन्द्र यादव और इण्डियन नेशनल लीग के प्रदेश अध्यक्ष मो0 समी ने कहा कि खुफिया एजेन्सियाँ, एसओजी व एटीएस बिना नम्बर प्लेट की गाड़ियों व बिना वर्दी हथियारों का प्रदर्शन कर पूरे समाज को आतंकित किये हुये हैं। यह हाल पूरे देश का है। कश्मीर घाटी से लेकर पूर्वोत्तर तक आज बन्दूकों के साये में आम जनता को जीने को मजबूर कर दिया गया है, ऐसे मे यह लड़ाई सिर्फ खालिद के न्याय तक सीमित नहीं है।
रिहाई मंच के नेता व अवामी काउंसिल के महासचिव असद हयात ने कहा कि 23 जून 2012 और 23 जुलाई 2012 को सपा के राज में जनपद प्रतापगढ़ के अस्थान ग्राम में मुसलमानों के मकानों को लूटा व जलाया गया था। इस घटना के बाद पीड़ितों को जो सहायता राशि दी गयी वह अपर्याप्त थी और बहुत से पीड़ितों को कुछ भी नहीं मिला था। 23 जुलाई 2012 की घटना के सम्बन्ध में कुछ भी क्षतिपूर्ति राशि पीड़ितों को नहीं दी गयी थी। माननीय उच्च न्यायालय द्वारा यह आदेश दिया गया था, कि पीड़ित व्यक्ति राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष मुआवजे के लिये अपना आवेदन कर सकते हैं। अतः राज्य मानवाधिकार आयोग के समक्ष पीड़ितों के नुकसान का आकलन कराने और उन्हें मुआवजा दिलाने के सम्बन्ध में पीड़ितों को साथ लेकर आवेदन प्रस्तुत किया गया है।
धरने को सम्बोधित करते हुये पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता हरे राम मिश्रा ने कहा कि जिस तरह से समूची व्यवस्था ही संकट में है और उसके हुक्मरान राज्य प्रायोजित आतंकवादक के माध्यम से आम जनता के बीच भय पैदा करके इस सड़ी गली व्यवस्था को बचाने में सत्ता के हुक्मरान जुटे हैं एक साजिश के तहत देश के अल्पसंख्यक मुसलमानों को राज्य प्रायोजित आतंकवाद के माध्यम से धमकाया जा रहा है।
धरने का संचालन लक्ष्मण प्रसाद ने किया। धरने में जैद अहमाद फारुकी, मुस्लिम संघर्ष मोर्चा के आफताब अहमद, मौलाना कमर सीतापुरी, पीस पार्टी रिजवान अहमद, जुबैर जौनपुरी, आमिर महफूज, रामकुमार शुक्ल, अमजद अली खान, अश्विनी कुमार, मुस्लिम फोरम के डा0 आफताब, मो0 फैज, हरिश्चन्द्र विश्वकर्मा, इसरारउल्ला सिद्किी, इलियास अहमद अंसरी, शमीम वारसी, एडवोकेट मो0 आलम, गुलाम रसूल, डीवाईएफआई के सत्य भाग सिंह, खगेन्द्र, सियाराम सोनकर और राजीव यादव शामिल रहे।


