बहरहाल तमिलनाडु में आत्मसम्मान वाया सिनेमा अब जल्लीकट्टू है।

पलाश विश्वास

जल्लीकट्टू पर आज भी तमिलनाडु जल रहा है। यह भी अलग तरह का राममंदिर निर्माण है।

बुनियादी बदलाव की कोई सोच नहीं, कोई ख्वाब नहीं किसी भी भावनात्मक मुद्दे पर जब चाहो, तब पूरे देश को आग में झोंक दो।

आंदोलन भी सेलिब्रेटी शो लाइव सिनेमा ब्लिट्ज है।

जबकि जड़ों मे न खाद है और न पानी है।

न मिट्टी है कहीं किसी किस्म की।

सब कुछ हवा हवाई है।

बुनियादी मुद्दे और बुनियादी सवाल भी हवा हवाई है।

आज भी हजारों की संख्या में लोगों ने मरीना बीच पर जमा होकर विरोध प्रदर्शन किया।

तमाशा अभी जारी है कि जल्लीकट्टू बिल पास होने के बाद पड़ोसी राज्य कर्नाटक ने भी उनके कंबाला यानि भैंस दौड़ पर लगे प्रतिबंध को हटाने की केंद्र सरकार के सामने मांग रखी है। महाराष्ट्र में बैलगाड़ी आंदोलन जोर पकड़ रहा है।

गोवंश पर गहराते संकट पर संघ परिवार मौन है।

वहीं अभिनेता कमल हासन ने ट्वीट करके कहा कि वो जल्लीकट्टू के समर्थन वाले बिल की मांग 20 सालों से कर रहे हैं।