जस्टिस काटजू बोले- बुर्का शैतान की रचना है, मुस्लिम महिलाओं को इसे जला देना चाहिए
जस्टिस काटजू का कहना है कि "बुर्का शैतान की रचना है"।

नई दिल्ली, 29 जुलाई 2024. सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशप्राप्त न्यायाधीश जस्टिस मार्कंडेय काटजू अक्सर नया बतंगड़ खड़ा कर देते हैं। अब जस्टिस काटजू का कहना है कि "बुर्का शैतान की रचना है"।
जस्टिस काटजू ने फेसबुक पर अंग्रेज़ी में एक छोटी सी पोस्ट लिखी है। पोस्ट में लिखा है -
"“बुर्का शैतान की रचना है
इस्लाम दुनिया में एक महान मुक्तिदाता शक्ति के रूप में आया, क्योंकि इसने समानता का महान संदेश फैलाया। यही कारण है कि यह स्पेन से इंडोनेशिया तक फैल गया, क्योंकि इसने समाज के दबे-कुचले वर्गों को सामाजिक मुक्ति दी।
लेकिन बुर्का एक गुलाम बनाने वाली शक्ति है, क्योंकि यह एक महिला को पिंजरे में बंद कर देता है। कुरान केवल यही कहता है कि महिलाओं को शालीनता से कपड़े पहनने चाहिए। इसमें कहीं भी बुर्के की बात नहीं की गई है। सलवार कुर्ता या साड़ी पहनने वाली महिला निश्चित रूप से अभद्र कपड़े नहीं पहनती है।
बुर्का शैतान द्वारा बनाया गया था, और यह पूरी तरह से इस्लाम के खिलाफ है। मुस्लिम महिलाओं (और पुरुषों) को इसे जला देना चाहिए।”"
“Burqa is a creation of Shaitan
Islam came into the world as a great liberating force, as it spread the great message of equality. That is why it spread from Spain to Indonesia, as it gave social emancipation to the suppressed sections of society.
But burqa is an enslaving force, as it puts a woman in a cage. The Quran only says that women should be modestly dressed. It nowhere talks of burqa. A woman wearing shalwar kurta or sari is surely not immodestly dressed.
Burqa was created by Shaitan, and is totally against Islam. Muslim women ( and men ) should burn it.”


