जस्टिस चंद्रचूड़ की राय असल में भारत की जनता की राय है

जगदीश्वर चतुर्वेदी

मनमोहन सरकार कहती थी आधार की जरूरत होगी सरकारी योजना के लाभ के लिए लेकिन यह अनिवार्य नहीं होगा। ठीक यही बात सुप्रीम कोर्ट ने कही।

मोदी सरकार कह रही थी आधार हर चीज के लिए अनिवार्य है। मोदी सरकार के तर्कों को गंगा के हवाले किया सुप्रीम कोर्ट ने।

आधार कार्ड कारपोरेट घरानों के लिए नहीं है, यह है मोदी की सबसे बड़ी पराजय।

आधार कार्ड पर सुप्रीम कोर्ट में कई सालों से केस चल रहा था यदि फैसला न होने तक अदालत ने आधार कार्ड के क्रियान्वयन को स्थगित कर दिया होता तो देश की जनता को विगत चार सालों में हुई अपार पीड़ा और डाटा लूट से बचाया जा सकता था। सुप्रीम कोर्ट ने यह सब न करके आज जब फैसला दिया तब तक सारे देश का डाटा निजी देशी-विदेशी कंपनियों के यहां जा चुका है, अनेक लोग आधार कार्ड न होने या अन्य गड़बड़ियों के कारण मर गए, लेकिन न सुप्रीम कोर्ट जगा और न मोदी सरकार जगी, आधार कार्ड मूलत: असंवैधानिक है वैसे ही जैसे आपातकाल था।

याद करें उस समय भी जजों के बहुमत ने कहा आपातकाल वैध है, लेकिन एक जज एच आर खन्ना ने कहा कि आपातकाल अवैध है। बाद में जस्टिस खन्ना के विचारों के अनुरूप संविधान संशोधन हुआ। ठीक यही स्थिति आधार कार्ड पर हुई है जस्टिस चंद्रचूड़ ने आधार कार्ड को असंवैधानिक माना है और अनेक देश विदेश के अध्ययनों और केसों का जिक्र किया है। कायदे से विपक्ष को एकजुट होकर सन् 2019 के चुनाव में आधारकार्ड को खत्म करने का वायदा करना चाहिए।

जस्टिस चंद्रचूड़ की राय असल में भारत की जनता की राय है।

ज़रा हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें

Topics - AADHAAR card is not for corporates, AADHAAR card, corporates, आधार कार्ड, aadhar, check aadhaar, aadhar card update status, uid aadhar, आधार कार्ड चेक करना है, check aadhaar card status, जस्टिस चंद्रचूड़ की राय, आधार पर जस्टिस चंद्रचूड़ की राय, मोदी की सबसे बड़ी पराजय, Justice Chandchud's opinion, Justice Chandchud's opinion on aadhaar, Modi's biggest defeat,