जिन्नाह की तस्वीर की असलियत, संघी अपनी अंतिम कोशिश कर रहे हैं कि कैसे भी दंगे भड़के
जिन्नाह की तस्वीर की असलियत, संघी अपनी अंतिम कोशिश कर रहे हैं कि कैसे भी दंगे भड़के
यदि हिन्दू जागरण मंच अलीगढ़ में हिंसा का तांडव जिन्नाह के नाम पर कर रहा है तो सबसे पहले श्यामाप्रसाद मुखर्जी और सावरकर को भारत से उखाड़ फेंकना चाहिए।।
मोदी सरकार के तुगलकी फैसलों के कारण जनता में फैले आक्रोश से संघ भी घबरा गया है और जिस प्रकार संघ और उसके सावरकर जैसे कथित महापुरुष बेनक़ाब हो रहे हैं तो इसके नेताओं को लग रहा है कि अंतिम समय में जो लूट सके वो लूट लो,,,।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में लगी जिन्नाह की तस्वीर के नामपर जो विवाद खड़ा कर रहे हैं उसके पीछे की असलियत मुंबई के मालाबार हिल्स में स्थित 2603 करोड़ ( दो अरब छह सौ तीन करोड़ सरकारी मूल्य, यदि विकसित किया जाए तो कई गुना मूल्य हो जाएगा)
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शुरुआत में इन्हें आज़ादी के 70 साल बाद जिन्नाह की फोटो नज़र आई हैं जिसे उछाल कर हिन्दू मुस्लिम भड़काने की कोशिश की गई हैं लेकिन सरकार आधिकारिक तौर पर बोल नही सकती महात्मा गांधी की तस्वीर से लेकर बाकी राष्ट्रीय नेताओं की स्मृतियों के चित्र, भवन तथा स्मारक पाकिस्तान में फैले हुए हैं। यूनिवर्सिटी में जो चित्र लगा है वो उनके स्टूडेंट का है। ऐसे ही IMA में कई विद्यार्थियों के चित्र लगे हैं जो आज़ादी के बाद पाकिस्तानी सेना के अधिकारी बने।
यूपी सरकार के माध्यम से संघी अपनी अंतिम कोशिश कर रही हैं कि कैसे भी दंगे भड़के। यदि हिन्दू जागरण मंच अलीगढ़ में हिंसा का तांडव जिन्नाह के नाम पर कर रहा है तो सबसे पहले श्यामाप्रसाद मुखर्जी और सावरकर को भारत से उखाड़ फेंकना चाहिए।।
वरिष्ठ पत्रकार DrParmod Pahwa, विदेश मामलों के जानकार हैं।
(DrParmod Pahwa की एफबी टिप्पणी)


