जेएनयू और एचसीयू के कुलपति का पुतला फूंका गया
वर्धा 08 जनवरी। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में छात्रों ने अम्बेडकर स्टूडेंट्स फोरम (ASF) के बैनर तले जेएनयू और एचसीयू के कुलपति का पुतला फूंका।
एएसएफ की विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन अम्बेडकर स्टूडेंट्स फोरम (एएसएफ) ने जेएनयू के बहुजन समाज के छात्र पीएचडी साक्षात्कार में धांधली का विरोध कर रहे थे तो वहाँ के जातिवादी कुलपति ने असंवैधानिक तरीके से निलंबित कर उनकी पढ़ाई-लिखाई को बाधित कर दिया है उनके समर्थन में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के अम्बेडकर स्टूडेंट्स फोरम ने जेएनयू कुलपति और HCU कुलपति का संयुक्त रूप से महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के मेन गेट पर पुतला फूंक कर अपना विरोध दर्ज कराया।
वहां उपस्थित छात्रों ने कहां कि जिस तरह से उच्च शिक्षा में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में विवि के शिक्षक अपने जानने वाले लोगों को साक्षात्कार में दिए जाने वाले इंटरव्यू में 30 अंक के माध्यम से अच्छे अंक लाने वाले बहुजन छात्रों को प्रवेश प्रक्रिया में पीछे कर देते हैं, जो किसी होनहार छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा से दूर रखने का षड्यंत्र है। जिसमें अधिकतर बहुजन छात्र-छात्राएं ही इस 30 अंक के नियम से शिकार हो रहे हैं। यह मामला एक मात्र जेएनयू का नहीं है, अपितु यह मामला पूरे देश के और भी कई उच्च शिक्षण संस्थानों का है। जिसमें कई SC/ST और ओबीसी छात्रों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस पीएचडी प्रवेश परीक्षा में लिखित परीक्षा में कम अंक लाने वाले छात्र-छात्राओं को प्रवेश परीक्षा में ज्यादा नंबर लाने वाले SC/ST और ओबीसी के छात्र-छात्राओं से ज्यादा साक्षात्कार में ज्यादा अंक दे दिए जाते हैं। जिससे ज्यादा अंक लाने के बावजूद SC/ST और ओबीसी छात्र-छात्राएँ पीएचडी में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं। इसलिए यूजीसी सारे उच्च शिक्षण संस्थानों में पीएचडी के साक्षात्कार में 30 अंक की जगह 10 अंक का प्रावधान किया जाए। और निलंबित छात्रों का निलंबन तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाने की मांग की।
एएसएफ ने भारत सरकार से इस मामले में दखल देने की गुजारिश की है और कहा है कि जेएनयू साथियों द्वारा चलाई जा रही मुहिम को पूरे देश में चलाया जाएगा जिससे पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में SC/ST और ओबीसी छात्र-छात्राओं के साथ धांधली को रोका सा सके।
पुतला दहन में वर्धा जिले के छात्र संगठन बहुजन स्टूडेंट् फ्रंट के कार्यकर्ता भी शामिल हुए।