टिहरी 2015 - अन्याय के दस साल
टिहरी 2015 - अन्याय के दस साल
वृत्तचित्र स्क्रीनिंग - 'टिहरी 2015 - अन्याय के दस साल'
पुस्तक विमोचन - 'बांध क्यों'
नई दिल्ली। जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय और दिल्ली समर्थक समूह ‘‘टिहरी 2015- नाइंसाफी के 10 साल’ फिल्म का प्रीमियर आयोजित करने जा रहा है।
प्रीमियर का आयोजन नई दिल्ली के डिप्युटी चेयरमन हॉल, कौन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, रफी मार्ग (निकट पटेल चौक मेट्रो स्टेशन) में आगामी 9 अप्रैल, 2016 को सायं 4:00 से 6:00 तक होगा।
आयोजकों शबनम, शेफाली व सुकरुता ने बताया कि विमलभाई द्वारा बनाई गयी यह फिल्म अपने आप में एक दस्तावेज़ है जो बताती है कि बांध बनने के बाद किस तरह सरकारें व बांध कंपनियाँ पुनर्वास व पर्यावरण के सवालों तक को भूल जाती हैं। टिहरी बांध आयोग होने के बाद भी 10 साल से ज़्यादा गुज़र गये लेकिन अभी भी समस्याएँ पहले जैसी ही है। पुनर्वास पूरा नहीं हो पाया है। ग्रामीण पुनर्वास की स्थिति खराब है तो शहरी पुनर्वास कहीं भी संतोषप्रद नहीं है। आखिर पर्यावरण स्वीकृति का क्या हश्र हुआ है। फिल्म बताती है कि जिन समस्याओं को, जिन बातों को माटू जनसंगठन ने पहले कहा था वही बातें सिद्ध हुई। टिहरी बांध के चारों तरफ के लगभग 40-45 गाँव आज धसक के नीचे आ रहे हैं। रेत के बवंडर झील से उठ रहे हैं, किनारे के लोगों का रहना मुश्किल हुआ है तो दूसरी तरफ दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को तो पानी दिया जाता है किन्तु विस्थापितों के लिए पानी नहीं है। इन सारी बातों को सारे आयामों को समेटने की कोशिश है ‘टिहरी 2015 - नाइंसाफी के 10 साल'। आइये देखिये और तय कीजिये बांध और विकास की अवधारणा।
इसी के साथ विमलभाई द्वारा लिखी पुस्तिका ‘बांध क्यों ?’ का विमोचन भी किया जाएगा। इस किताब को ‘जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय’ ने छापा है। यह छोटी सी किताब उत्तराखंड के बांधों पर वर्षों के अघ्ययन पर आधारित है।
इसमें बांधों के पर्यावरणीय दुष्प्रभावों, विस्थापन, सरकारी उपेक्षायें व उदासीनता, रोजगार के झूठ, दावों-वादों की सच्चाई, बांधो से हुई तबाहियाँ, राजनैतिक निर्णय क्षमता पर उठते सवालों, योजनाकारों की भूलों आदि महत्वपूर्ण बिन्दुओं को समेटने का प्रयत्न किया गया है। यह पुस्तिका सभी हिमालयी राज्यों के लिये भी उपयोगी है।
पूर्व न्यायाधीश राजेन्द्र सच्चर जी द्वारा फिल्म - ‘‘टिहरी 2015‘ अन्याय के 10 साल का उद्घाटन किया जाएगा।
'बांध' क्यों?' किताब का विमोचन वरिष्ठ पत्रकार व अमर उजाला अखबार के पूर्व संपादक शम्भूनाथ शुक्ला करेंगे। अन्य वक्ताओं में संजय पारिख , वरिष्ठ अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट, डॉ उषा रामनाथन, न्यायिक शोधकर्ता एवं सामाजिक कार्यकर्ता, शेखर सिंह – पर्यावरणविद्, पूरण सिंह राणा व बलवंत पंवार-माटू जनसंगठन शामिल हैं।


