राजीव नयन बहुगुणा की दो टूक टिप्पणी है कमरतोड़ बजट
बहरहाल डाउ कैमिकल्स लीक बजट पेश करके अपनी पीठ ठोंक रहे हैं और जमकर वकालत कर रहे हैं कि बचत करें। बचत करने की हालत में हों या नहीं, लेकिन बचत जरूर करें कि इससे आपका भविष्य संवरेगा। देश का निर्माण भी होगा।
डाउ कैमिकल्स कह रहे हैं कि वे समाज को उपभोक्ता वादी नहीं बना रहे हैं और बचत बढ़ाकर देश निर्माण कर रहे हैं। जाहिर सी बात है जैसे कि रियाटर अठावन पर हो जाये और और पेंशन साठ से लें। तब तक पेट पर पत्थर डाकर जिंदा रहें तो मिल ही जायेगा पेंशन। जैसे ईपीएफ और पेंशन योजना चुनने के विकल्प हैं। जैसे ऑप्शन है कि आप पीएफ का अंशदान चाहे तो बंद कर दें। जैसे कि रेलभाड़ा बढ़ा नहीं है, टिकट ऑनलाइन मिलेंगे और ऑनलाइन टिकट मंहगा हो गया लेकिन यात्री किराया बढ़ाया नहीं है। मुद्रा स्फीति शू्न्य है और मालभाड़ा बढ़ाकर विकास के दरवज्जे खोलकर अनाज से लेकर बिजली तक सब कुछ महंगा है।
डाउ कैमिकल्स बोल नहीं रहे हैं, लेकिन वे दरअसल कह रहे हैं कि बचत करो कि सरकार कारपोरेट विकास के साझा पीपीपी उपक्रमों में आपका बचत कारपोरेट मुनाफे के लिए निवेश करें और यूनिट लिंक बीमा बन जाये आपकी बचत।
पलाश विश्वास
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