गृह मंत्री व दिल्ली पुलिस कमिश्नर के षड़यंत्र का परिणाम थी कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी
रणधीर सिंह सुमन

पटियाला हाउस में दिल्ली पुलिस कमिश्नर बी एस बस्सी ने कन्हैया, उसके वकीलों व जेएनयू के टीचर्स की सुरक्षा की गारंटी ली थी लेकिन दिल्ली पुलिस कमिश्नर की गारंटी या जमानत पूरी तरह से असफल हुई। जवाहर लाल नेहरु विश्व विद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की पिटाई तो हुई ही साथ में पत्रकारों की भी पिटाई हो गयी। माननीय उच्चतम न्यायलय द्वारा पटियाला हाउस भेजी गयी टीम पर भी पानी की बोतल, छोटे पत्थर फेंके गए तथा पाकिस्तानी दलाल कहकर नारेबाजी की गयी और दिल्ली पुलिस मूक दर्शक भूमिका के अतिरिक्त कुछ नहीं बनी।

कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी गृह मंत्री व दिल्ली पुलिस कमिश्नर के षड़यंत्र का परिणाम थी। अभी तक लखनऊ, फैजाबाद से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकवाद के नाम पर देशद्रोह के मुक़दमे के तहत बेगुनाह मुस्लिम नवजवानों को सोची-समझी रणनीति के तहत संघी वकीलों द्वारा पिटवाना और न्यायालय परिसर में कथित अभियुक्तों व पैरोकारो की पिटाई का कार्य होता था, जिससे अभियुक्तगण अपने ऊपर लगाये गए आरोपों के खिलाफ अपनी पैरवी न कर सकें। अब जब माननीय उच्चतम न्यायलय की नाक के नीचे इस तरह के कार्यक्रम को पुलिस ने दोहराया तो उसकी जवाबदेही न्यायालय में देनी पड़ रही है।

कन्हैया कुमार को देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था और दो बार पुलिस कस्टडी रिमांड लिया गया। रिमांड पूछताछ के लिए लिया गया था लेकिन अब कन्हैया कुमार से एक अपील लिखवाकर पुलिस कमिश्नर बस्सी मीडिया में प्रसारित करवा रहे हैं। क्या पुलिस कमिश्नर का यही काम है? जानबूझकर कन्हैया कुमार को देशद्रोह के वाद में गिरफ्तार किया गया गृह मंत्री ने हाफिज सईद तक की हवाई उड़ान की। वहीँ, भाजपा सांसद महेश गिरी जो गंभीर धाराओं का अभियुक्त है, उसने कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

दिल्ली पुलिस सीधे-सीधे केंद्र सरकार के अधीन है और उन्हीं के दिशा निर्देशों के ऊपर कार्य करती है। कन्हैया कुमार के मामले में केंद्र सरकार व दिल्ली पुलिस कमिश्नर दोनों बेनकाब हुए हैं।

पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनवाई के बाद कन्हैया कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब वह दो मार्च तक जेल में रहेगा। हालांकि, पटियाला हाउस कोर्ट परिसर से कन्हैया को ले जाने वाले रास्ते में करीब 100 वकील खड़े थे और नारेबाजी कर रहे थे। स्थिति के मद्देनजर पुलिस को कन्हैया को पटियाला हाउस कोर्ट के पिछले गेट से कन्हैया को ले जाना पड़ा। बस्सी साहब को इन बातों से जरा सा भी शर्मिंदगी महसूस नहीं हुई होगी।

अगर केंद्र सरकार में जरा सा भी शर्म है तो ऐसे अक्षम पुलिस कमिश्नर को बर्खास्त करें।