तोता (सीबीआई) सचमुच पिंजरे में है ! कानून के राज पर भरोसा कैसे कायम रह सकता है ?
तोता (सीबीआई) सचमुच पिंजरे में है ! कानून के राज पर भरोसा कैसे कायम रह सकता है ?
तोता सचमुच पिंजरे में है !
याद होगा कि महाराष्ट्र में अंधविश्वास विरोधी और तर्कवादी मुहीम के सूत्रधार नरेंद्र धाबोलकर की दो वर्ष पूर्व हिन्दू कट्टरवादियों ने हत्या कर दी थी। मुम्बई हाई कोर्ट ने सीबीआई को इसकी जांच मई 2014 में सौंपी थी।
यह जाँच अब आगे इसलिए नहीं बढ़ पा रही है कि महाराष्ट्र की भाजपा सरकार इसके लिए जरूरी कार्मिकों की व्यवस्था करने में कोई रूचि नही ले रही है।
जिस सीबीआई ने तीस्ता सीतालवाड की घेरेबंदी में अतिरिक्त मुस्तैदी दिखाई वही धाबोलकर के हत्यारों के विरुद्ध कार्रवाई करने में खुद को बेबस बता रही है।
आतंकवाद के आरोपी असीमानंद की जमानत का अदालत में विरोध न किया जाना, नरेंद्र धाबोलकर के हत्यारों पर कार्रवाई में ढील देना और तीस्ता सीतलवाड की घेरेबंदी एक ही व्यूहरचना का परिणाम हैं।
कानून के राज पर भरोसा कैसे कायम रह सकता है ?
वीरेंद्र यादव


