पंजाब के सरकारी स्कूलों में अब हिंदी भाषा का विषय ऑप्शनल होगा

हरियाणा सरकार का फैसला कुरूक्षेत्र आकाशवाणी पर लगेगा ताला

नई दिल्ली, 02 जून 2016। क्या भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रभाषा हिन्दी को दफनाने की पूरी तैयारी कर ली है? लगता तो ऐसा ही है। सोशल मीडिया पर भाजपा की हरियाणा व पंजाब सरकारों के दो फरमानों को लेकर जो चर्चा छिड़ी हुई है उससे साफ लगता है कि भाजपा ने हिंदी भाषा को दफनाने की पूरी तैयारी कर ली है।

फेसबुक पर वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार गीता डोगरा ने लिखा है-

आज दो दुखद समाचार सुनने को मिले- दोनों समाचार। हिंदी प्रेमियों के लिए दुखदायी हैं। पहला समाचार पंजाब के सरकारी स्कूलों में अब हिंदी भाषा का विषय आप्शनल होगा। पंजाब के 927 स्कूलों में ऐसा हो गया है शेष में हो जाएगा। यह जानकारी देते हुए हिंदी शिक्षक संघ की सक्रिय कार्यकर्ता सुश्री पंकज माहर ने त्रिवेणी साहित्य अकादमी को बताया कि वह दिन दूर नहीं जब पंजाब से हिंदी गायब हो जाएगी। पंकज माहर ने त्रिवेणी साहित्य अकादमी का दरवाजा इसीलिए खटखटाया कि इस मंच से हिंदी लेखक/कवि जुड़े हैं तो उनका स्वर भी मिले। पंकज जी हिंदी लेखक सभी भाषा का सम्मान करते हैं और इस बात से पहले ही निराश हैं कि अब हिंदी के छात्र नहीं मिलते। मिलें कैसे? पंजाब सरकार ही भाषा को रौंदने पर लगी है। हम हिंदी अध्यापकों को विश्वास दिलाते हैं कि हम हिंदी भाषा के सम्मान के लिए उनके साथ हैं।

दूसरे फैसले में हरियाणा सरकार का फैसला कि कुरूक्षेत्र आकाशवाणी पर लगेगा ताला ज़िसे हरियाणावी फिल्मों के निर्माता रौशन जी ने फेसबुक पर सांझा किया। दुख है कि हमारी सरकारें भाषा और संस्कृति पर ताले लगा रही है। भाषा और संस्कृति चली गयी तो बचेगा क्या?
उन्होंने जानकारी दी है-

त्रिवेणी साहित्य अकादमी (रजि) एवं पंजाब शिक्षक संघ की एक बैठक शीघ्र होने जा रही है जिसमें हिंदी भाषा को लेकर पंजाब सरकार के नादिरशाही फरमान के विरूद्ध आवाज उठाई जाएगी। हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है और इसका इस तरह निरादर नहीं बर्दाश्त होगा। हिंदी लेखक कवि सभी इस बैठक में जरूर शामिल हों। स्थान और समय की घोषणा जल्द की जाएगी।

Hindi language will be optional subject in government schools in Punjab