दवा कम्पनी ने मोदी को चंदा देकर फैलाया स्वाईन फ्लू- रिहाई मंच आरोप
दवा कम्पनी ने मोदी को चंदा देकर फैलाया स्वाईन फ्लू- रिहाई मंच आरोप
दवा कम्पनी सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को तत्काल प्रतिबंधित करने और पूरे मामले की जांच की मांग
Demand to immediately ban drug company Serum Institute of India and investigate the entire matter
नई दिल्ली मार्च। स्वाईन फ्लू को जानबूझ कर महामारी की तरह फैलने देने का आरोप लगाते हुए रिहाई मंच ने दवा कम्पनी और भाजपा के गठजोड़ की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के मौजूदा जज की निगरानी में जांच आयोग गठित करने की मांग की है। रिहाई मंच ने स्वाईन फ्लू की वैक्सीन बनाने वाली दवा कम्पनी सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India, a company that manufactures the vaccine for swine flu) द्वारा लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा को करोड़ों रूपए चंदा देने की जांच की मांग की है।
नागरिक परिषद नेता रामकृष्ण ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि स्वाइन फ्लू की वैक्सीन (Swine flu vaccine) बनाने वाली दवा कम्पनी ने भाजपा को छोड़ किसी भी अन्य राजनीतिक दल को लोकसभा चुनावों में चंदा नहीं दिया, जिससे स्पष्ट होता है कि दवा कम्पनी को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार इस बीमारी को महामारी की तरह फैलने दे रही है।
उन्होंने कहा कि दवा कम्पनी से मिले मोटे चंदे और स्वास्थ्य बजट में मोदी सरकार द्वारा बीस प्रतिशत की कटौती महज संयोग नहीं है। यह देश के स्वास्थ्य के साथ दवा कम्पनियों को फायदा पहुंचाने का गंदा खेल है।
उन्होंने कहा कि मोदी और संघ परिवार को इसका जवाब देना होगा कि सेरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने उसे 2013-2014 में तीन किश्तों में ऐक्सिस बैंक, पुणे-4 से चैक संख्या 196633 के जरिए साठ लाख, चैक संख्या 196636 से चालीस लाख और चैक संख्या 196635 के जरिए पचपन लाख रूपया चंदे में क्यों दिया।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार और निजी दवा कम्पनी मिलकर एक साजिश के तहत स्वाइन फ्लू के वायरस (Swine flu virus) को फैलाने में लगी हैं ताकि दवा कम्पनी को फायदा पहुंच सके जैसा कि अफ्रीका और दूसरे गरीब देशों में पहले भी दवा कम्पनियां कॉरपोरेट परस्त सरकारों से गठजोड़ करके करती रही हैं।
रामकृष्ण ने मौजूदा संसद सत्र में विपक्षी पाटिर्यों द्वारा इस सवाल को संसद में न उठाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराते हुए कहा कि राजनीतिक दल निजी दवा कम्पनियों के साथ मिल कर चंदाखोरी कर रहीं हैं, जिसके चलते आदिवासियों और दलितों को दवा कम्पनियों ने प्रयोगशाला का चूहा बना दिया है।
Swine flu deaths are described as murder
उन्होंने स्वाइन फ्लू से हुई मौतों को हत्या करार देते हुए सरकारों से मृतकों को दस-दस लाख रूपए मुआवजा देने और सेरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को तत्काल प्रतिबंधित करने और उसके खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।


