One-third of the world's TB patients in India, how to check the tuberculosis of the spinal cord

तपेदिक का भारत में अब भी नहीं हुआ है अंत;

न्यूरोसर्जनों की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की करीब 1 प्रतिशत आबादी मेरूदंड के तपेदिक की चपेट में

भारत दुनिया के कुछ उन गिने-चुने देशों में से है जहां तपेदिक का कहर अब तक जारी है

स्पाइनल ट्यूबरक्लॉसिस के बारे में जानकारी लगभग न के बराबर और उपचार में भी गंभीरता नहीं बरती जाती

मेरठ, 13 अक्टूबर, 2018। मालती देवी को लगभग लकवाग्रस्त हालत में डॉ राहुल गुप्ता, अतिरिक्त निदेशक, न्यूरोसर्जरी विभाग, फोर्टिस अस्पताल, नोएडा लाया गया था। उनकी पीठ में हर समय तेज दर्द रहता था जिसकी वजह से चलना-फिलना तो दूर वे अपने हाथ-पैर हिलाने में भी समर्थ नहीं थी। मरीज़ की जांच करने के बाद डॉ गुप्ता ने पाया कि उनका शक सही निकला और मालती देवी मेरूदंड के तपेदिक से ग्रस्त थीं। उन्हें तत्काल शल्यचिकित्सा की जरूरत थी।

क्या है मेरूदंड का तपेदिक tuberculosis of spinal cord

मेरूदंड का तपेदिक (स्पाइनल ट्यूबरक्लॉसिस) दरअसल, टीबी का आत्मघाती रूप है जो मेरूदंड को गंभीर रूप से क्षति पहुंचाता है और शुरूआती चरण में ही इसका इलाज न करने पर मरीज़ की मृत्यु तक हो सकती है।

क्या लक्षण हैं स्पाइनल टीबी के

What happens in spinal TB

स्पाइनल टीबी में स्पाइनल डिस्क स्पेस क्षतिग्रस्त होकर बिखरने लगता है और इस रोग के सबसे सामान्य लक्षणों में पीठ में दर्द, स्पाइनल टैंडरनॅस, पैरों और शरीर के निचले भाग में लकवा तथा मेरूदंड में विकार शामिल है। मैगनेटिक रेज़ोनेंस इमेजिंग (एमआरआई) एक संवेदी इमेजिंग तकनीक है जो मेरूदंड के क्षतिग्रस्त होने के चित्र लेती है। इस रोग के शरीर में जड़ जमाते ही मेरूदंड क्षतिग्रस्त होने लगती है। रोग का शरूआती चरण में सटीक ढंग से पता लगाने के लिए वर्टिब्रल बॉडी के सेंटर में प्रभावित स्थल की न्यूरोइमेजिंग गाइडेड नीडल बायप्सी (Neuro image guided needle biopsy) की जाती है।

Spinal cord tb symptoms in Hindi

फोर्टिस अस्पताल, नोएडा के न्यूरोसर्जरी विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ राहुल गुप्ता ने कहा,

’’टीबी आमतौर पर फेफड़ों और गले से संबंधित रोग है। लेकिन बहुत कम लोग यह समझ पाते हैं कि यह रोग शरीर के अन्य हिस्सों को भी प्रभावित कर सकता है। जब कोई व्यक्ति टीबी के बैक्टीरिया से संक्रमित हवा को श्वास के जरिए अपने शरीर में उतारता है तो बैक्टीरिया उसके फेफड़ों में बस जाता है और वहां पनपने लगता है। यहां से यह धीरे-धीरे रक्त के जरिए शरीर के दूसरे भागों जैसे गुर्दे, मेरूदंड, जिगर, खोपड़ी, हड्डियों और मस्तिष्क तक में पहुंच सकता है। टीबी एक संक्रामक रोग है और यह रोगी से दूसरों को भी फैल सकता है।‘‘

भारत में करीब 2.79 मिलियन तपेदिक के मामले

भारत ऐसा देश है जहां तपेदिक का सबसे ज्यादा बोझ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक भारत में 2016 के तपेदिक के आंकड़ों से ये संकेत मिले हैं कि देश में करीब 2.79 मिलियन तपेदिक के मामले हो सकते हैं। एक अनुमान के अनुसार, भारत की करीब 40 फीसदी आबादी टीबी बैक्टीरिया से ग्रस्त है जिनमें से अधिकांश लेटेंट टीबी से ग्रस्त हैं और वे तपेदिक रोग के षिकार नहीं हैं।

डॉ राहुल गुप्ता ने कहा,

’’शुरूआती चरण में स्पाइनल टीबी का पता लगाना काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बाद ही समुचित उपचार शुरू हो सकता है जिससे स्पाइनल ट्यूबरक्लॉसिस का पूरी तरह इलाज किया जा सकता है। लेकिन यदि ऐसा मरीज़ लकवाग्रस्त हो जाता है तो ऐसे में शल्यचिकित्सा के बावजूद उपचार मुमकिन नहीं होता। मरीज़ को नियमित रूप से दवाएं लेनी होती हैं और ऐसा 18 महीनों तक जारी रखना जरूरी है। इस अवधि के बाद ही रिकवरी के संकेत दिखाई देना शुरू होते हैं।‘‘

मालती देवी ने कहा,

’’हम एक स्थानीय डॉक्टर के पास गए थे जिन्होंने मेरी स्थिति को भांपने के बाद मुझे तुरंत डॉ राहुल गुप्ता के पास जाने की सलाह दी। जब मैं डॉ गुप्ता के पास आयी तो मैं ज़रा भी हिल-डुल नहीं सकती थी। शून्य मोबिलिटी से कुछ ही हफ्तों में चलने-फिरने लायक बन जाना वाकई वरदान से कम नहीं है और इसके लिए मैं डॉ गुप्ता की आभारी हूं।‘‘

डॉ राहुल का कहना है,

’’बेशक सरकार ने फेफड़ों के तपेदिक के उपचार और इसका जड़ से खात्मा करने के लिए एक कारगर अभियान - डॉट्स चलाया है, लेकिन इस बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है कि सरकारी निकाय स्पाइनल टीबी के उन्मूलन के लिए कुछ कर रहे हैं या नहीं। सरकार की ओर से टीबी के उपचार की दवाएं मुफ्त वितरित की जाती हैं। लेकिन दुर्भाग्यवश, या तो लोग इन दवाओं को सही तरीके से सेवन नहीं करते या फिर वे इनका दुरुपयोग करते हैं। इसकी वजह से रेजि़स्टेंट टीबी पैदा हो जाती है और इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। एमडीआर टीबी या मल्टी ड्रग रेजि़स्टेंस टीबी तथा एक्सडीआर या एक्सट्रीम ड्रग रेजि़सटैंड टीबी बेहद खतरनाक है और इसकी वजह से मरीज़ की मौत भी हो सकती है।‘‘

विश्व का सबसे घातक संक्रामक रोग है टीबी

TB is the world's deadliest infectious disease

टीबी वर्तमान में विश्व का सबसे घातक संक्रामक रोग है जिसकी वजह से हर साल एचआईवी से भी अधिक मौतें होती हैं। भारत में तपेदिक से सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं और 2016 में यह आंकड़ा 423,000 तक पहुंच चुका था। भारत में टीबी के सर्वाधिक मामले दर्ज होते हैं और 2011 के विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार, भारत में टीबी के 2.2 मिलियन मामले थे। यह बढ़कर 2.79 मिलियन जा पहुंचा है जबकि विश्व में यह संख्या 9.6 मिलियन है। रोग का पता लगाने में देरी और दूसरे, सही ढंग से उपचार नहीं करने की वजह से तपेदिक के चलते अधिक मौतें होती हैं। इस रोग के बारे में सरकार को अधिक जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है ताकि युवा आबादी पर इस रोग का कम बोझ पड़े।

डॉ राहुल गुप्ता का कहना है,

’’निजी अस्पतालों में हर महीने एक या दो मामले स्पाइनल टीबी के और हर दो महीने में एक मामला ब्रेन टीबी का सामने आता है। सरकारी अस्पताल हर महीने 5-6 मामले स्पाइनल टीबी और लगभग इतने ही ब्रेन टीबी के देखते हैं। और इन आंकड़ों में कोई कमी नहीं हो रही है।‘‘

कौन हैं डॉ. राहुल गुप्ता

एक विज्ञप्ति के मुताबिक डॉ. राहुल गुप्ता फोर्टिस हॉस्पिटल, नोएडा के न्यूरोसर्जरी विभाग में अतिरिक्त निदेशक (Additional director) हैं और इस क्षेत्र में उनके पास 15 साल से ज्यादा का अनुभव है। वे गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, रोहतक और पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ से प्रशिक्षित हैं और पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ तथा जीबी पंत हॉस्पिटल, नई दिल्ली में अपनी सेवाएं भी दे चुके हैं। वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में कई पेपर्स भी प्रस्तुत कर चुके हैं और प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय साइंटिफिक पत्रिकाओं (जर्नल्स) में उनके करीब 40 आर्टिकल्स भी प्रकाशित हो चुके हैं। उन्हें 2011 में नागोया यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंस, जापान में प्रतिष्ठित सुगिता स्कॉलरशिप से सम्मानित किया गया था।

डॉ. राहुल ने घातक ग्लिओमा सर्जरी में फ्लोरोसेंस (5-एएलए) के उपयोग ग्राज़, ऑस्ट्रिया में और फंक्षनल न्यूरोसर्जरी के लिए एम्स्टर्डम, हॉलैंड में प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वह कई न्यूरोलॉजिकल सोसाइटीज़ के सदस्य और सक्रिय प्रतिभागी भी हैं।

कृपया हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब करें



Topics - Tuberculosis of spinal cord, spinal tuberculosis, tuberculosis of spinal cord in Hindi, tuberculosis in Hindi, What happens in spinal TB, Neuro image-guided needle biopsy, B bacteria, latent TB, dots, rheistic TB, MDR TB, brain TB, glyoma surgery, treatment of spinal TB.