रणधीर सिंह सुमन
नागपुर मुख्यालय की नयी-नयी परिभाषाओं, नयी-नयी स्टाइल से और नए तरीके के प्रचार अभियान से हिटलर का प्रचार मंत्री गोयबिल्स स्वयं को शर्मिंदा और पराजित महसूस कर रहा होगा। 1947 से पहले ब्रिटिश साम्राज्यवाद की प्रेरणा से भारत विभाजन इन्ही शक्तियों ने कराया था। फिर भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष पंडित दीन दयाल उपाध्याय व डॉ राम मनोहर लोहिया ने कांग्रेस को सरकार से हटाने के लिए गैर कंग्रेसवाद का नारा दिया। फिर भारत-पकिस्तान महासंघ बनाने की मांग शुरू की। कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए यही नारा लगाया गया था। उसी आधार को आज नागपुर मुख्यालय के प्रतिनिधि राम माधव ने 'अल जजीरा' टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, 'भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक दिन फिर से एक हो जाएंगे और फिर अखंड भारत या अविभाजित भारत' का निर्माण होगा।'
राम माधव बीजेपी के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रवक्ता और संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रह चुके हैं। माधव ने यह भी कहा है कि वह जिस अखंड भारत का जिक्र कर रहे हैं वह बिना युद्ध, लोकप्रिय सहमति पर भी हो सकता है।
कुछ दिन पूर्व राम माधव ने कहा था कि 'यह एक ऐसा देश है जहां जीवन जीने के एक विशेष तरीके, एक विशेष संस्कृति या सभ्यता के आधार पर जिंदगी जी जाती है, हम इसे हिंदू कहते हैं। क्या आपको कोई आपत्ति है? भारत की संस्कृति एक है। हम एक संस्कृति हैं, एक जैसे लोग हैं, एक देश हैं।'
ब्रिटिशकालीन भारत या वर्तमान भारत के सभी नागरिकों की जीवन पद्यति एक सी नहीं है और न ही सभी लोग बहुईश्वरवाद या एकेश्वरवाद के मानने वाले लोग हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में बहुजातीय, बहुसंस्कृति, बहुधर्मीय, बहुभाषीय लोग हैं उनको एक संस्कृति का कहना गोयबिल्स के प्रचारतंत्र का हिस्सा तो हो सकता है, लेकिन वास्तविक धरातल से यह बात कोसों दूर है।
अखंड भारत का नागपुरी अर्थ है हिन्दू राष्ट्र का निर्माण करना और हिन्दू राष्ट्र का अर्थ है कि मनुस्मृति का शासन लागू करना। नागपुर मुख्यालय येन केन प्रकरेण वर्तमान केंद्र सरकार पर सत्तारूढ़ दल की असफलता को छिपाने के लिए तरह-तरह की अफवाहें व प्रचार करते रहना, जिससे आम जनता की समस्याएं बनी रहें और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की लूट जारी रहे। इन्होने 1947 तक जितना जहर उगला था उससे एक ही पकिस्तान बना था। अगर यह अखण्ड भारत या हिन्दू राष्ट्र की कल्पना में तरह-तरह की अफवाहबाजी जारी रखते हैं तो देश की एकता और अखंडता को बचाए रखने में नागरिकों को दिक्कत होगी।
रणधीर सिंह सुमन