संघ शासित गुप्त हिन्दू राष्ट्र में आपका स्वागत है !
जब एक ज्योतिषी के आगे केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने अपना हाथ फैलाया !
देश के संस्कृतिविहीन सेकुलरों, हल्ला मत मचाओ, वो कल हमारे जिले में आई थी। हाँ, केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी जी, कल राजस्थान में हमारे जिले भीलवाड़ा के कारोई कस्बे में थी आई थी, रुकी लगभग चार
घंटे तक ! वे यहाँ पर ज्योतिष विज्ञान (?) के प्रकांड पंडित नाथू लाल व्यास से मिली। हमारे महान मुल्क की महानतम मंत्री ने इस युग के महानतर पंडित व्यास के समक्ष दोनों हाथ फैला कर पूछा कि मेरा राजनीतिक भविष्य आगे क्या होगा ? पंडित जी ने उन्हें बता दिया कि आप जल्दी ही इससे भी उच्च पद पर पहुंच जायेंगी, उनका तो यहाँ तक कहना था कि स्मृति जुबिन ईरानी देश के सर्वोच्च पद तक पंहुचेंगी। मतलब साफ है कि वो देश की अगली राष्ट्रपति हो सकती हैं।
इस बात को ले कर कई लोगों को तकलीफ हो गयी है, हल्ला मच रहा है कि देश की शिक्षा मंत्री ऐसे अंधविश्वास पालेगी तो शिक्षा का तो बंटाधार हो जायेगा ,ऐसे लोग संभवतः ज्योतिष की ताकत से वाकिफ़ नहीं है, वरना उनके मन में इस प्रकार के अनर्गल संशय पैदा ही नहीं होते। ये तथाकथित सेकुलर,प्रोग्रेसिव और वामपंथी टायप के लोग भारतीय संस्कृति के बारे में अल्पज्ञानी होते है, इन्हें समझ लेना चाहिए कि अगर आपके सिर पर पंडित नाथू लाल व्यास जैसे पंडितों का हाथ हो और आप नागपुर के पंडितों के इशारों पर चुपचाप काम करते जाओ तो बिला शक आप एक दिन देश के प्रधानमंत्री अथवा राष्ट्रपति बनने के योग्य हो ही जाते हो। यह पंचम वेद ज्योतिष शास्त्र का ही चमत्कार है कि अल्पशिक्षित होने के बावजूद भी आज स्मृति
ईरानी देश के सर्वोच्च शिक्षा के संस्थानों की मंत्री है, भले ही उन्होंने महाविद्यालय और विश्वविद्यालयों का मुंह भी नहीं देखा हो मगर आज देश के तमाम कोलेज और यूनिवर्सिटियां उन्हीं का मुंह ताक रही है, वैसे भी
मानव संसाधन मंत्रालय तो संघ मुख्यालय से संचालित होगा, तब उसमें ईरानी रहे या कोई और रहे, उच्च शिक्षित हो या अल्प शिक्षित क्या फर्क पड़ता है ?
खैर, माफ़ कीजिये, थोडा विषयांतर हो गया, हम बात केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के कारोई दौरे की कर रहे थे, वे कल 23 नवम्बर को दिल्ली से ज़रिये वायुमार्ग उदयपुर के डबोक हवाईअड्डे पर तशरीफ़ लायी और बाद में बाई रोड कारोई पधारीं। उन्होंने इस दौरे को हर संभव रूप से निजी ही बनाये रखने की भरसक कोशिश भी की, मगर ये निगोड़े मीडियाकृमि यहाँ भी पंहुच गए। स्मृति जी अपने पति जुबिन के साथ आयी और सीधे पंडित नाथू लाल के यहीं गयी, वैसे तो कारोई में और भी बहुत से ऐरे गैरे नत्थू खैरे ज्योतिषी है मगर नत्थू लाल जी की बात ही और है ! आपको शायद मालूम नहीं होगा मगर इंदिरा जी की करीबी रही महाराष्ट्र की एक महिला नेता को भी उन्होंने ही आशीर्वाद दिया था कि सर्वोच्च पद पर जाओगे... और फिर उन्हें कोई नहीं रोक पाया, वो
पंहुची। तो इस तरह लोगों को सर्वोच्च पदों तक पंहुचाते हैं, हमारे ये पंहुचे हुए महाराज !
वैसे भी स्मृति जी भी कोई पहली बार नहीं आई है यहाँ, वे वर्ष 2010 तथा 2013 में भी यहाँ आ चुकी है, हर बार पंडित जी का नुस्खा काम कर जाता है और वो उच्च से उच्चतर पद की तरफ खिसकती जाती है, रोक लो अगर किसी में हिम्मत हो तो, उनकी डिग्री को लेकर चिल्लाने से भी क्या हुआ। थोड़ा सा हो हल्ला ही तो मचा, फिर सब कुछ शांत ! पहले तो थोडी बहुत चूं चपट भी हो गयी मगर अब तो किसी की यह हिम्मत भी नहीं होगी। पंडित जी ने सवा लाख महामृत्युंजय मन्त्रों का अनुष्ठान कराने का सुझाव दे दिया है, अब तो शत्रुओं का शमन अवश्यम्भावी है। कोई कुछ भी कह ले मगर मंत्रानी जी को दृढ़ विश्वास हो चला है कि ज्योतिष से आसान और कोई रास्ता हो ही नहीं सकता है आगे बढ़ने का। सही भी है, क्यूंकि जब वे पहली बार चार साल पहले जब आई थी भविष्य जानने, तो इन्हीं पंडित जी ने उन्हें राजयोग की सबसे पहले जानकारी दी थी, फिर वो गत साल वापस पूंछ कर गयी थी, तब पंडित नाथू लाल व्यास ने कहा था कि आप अगले वर्ष राजनीति में बड़े पद पर आ सकती है, उसी- समय स्मृति ईरानी जी ने वादा किया था कि अगर वो किसी पद पर आरूढ़ हुयी तो तिबारा कारोई आएगी, फिर ज्योतिष शास्त्र और उसके महान ज्ञाता पंडित नाथू लाल जी की कृपा से वो लोकसभा चुनाव हार जाने के बावजूद केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री बना दी गयी, तो लाज़िम था कि वे शुक्रिया अदा करने कारोई आती, सो आई। उन्होंने बेझिझक इस बात को स्वीकार भी किया कि– मैं आपको धन्यवाद कहने आई हूँ और अब आगे के बारे में बताएये कि मेरा राजनीतिक केरियर कैसा रहेगा ?अगर मैं कुछ नहीं बनती तो यहाँ फिर नहीं आती। इस बार पंडित व्यास जी ने दिल खोलकर उन्हें आशीष दी है और छप्पन इंच के सीने वालों से भी ऊपर के पद पर पदासीन होने का आशीर्वाद दिया है, मतलब कि अगली महामहिम !
तो मेहरबान, कदरदान, साहेबान, अभी तक तो मानव संसाधन मंत्रालय तक ही ज्योतिष विज्ञान सीमित रह गया है, अगली बार राष्ट्रपति भवन में जन्म कुंडलियाँ बांची जायेगी और ।।।’ ॐ त्र्यम्बक यजामहे सुगंधिम पुष्टि
वर्धनम् ।।’ के समवेत स्वर गुंजायमान होंगे। संघ शासित गुप्त हिन्दू राष्ट्र में आपका स्वागत है !
हैरान मत होइए, अगर आप अल्पशिक्षितों के जिम्मे देश की शिक्षा व्यवस्था करेंगे तो वह अशिक्षितों से मार्गदर्शन प्राप्त करेगी ही, कम्प्युटर के ज़माने में स्लेट पर आख़र उकेरने वालों के दरवाजे आपकी शिक्षा मंत्री
जायेगी तो देश में वैज्ञानिक सोच का भविष्य तो निराला होगा ही, फिर तो विज्ञान से ग्रह नक्षत्रों को ससम्मान निकाल कर ज्योतिष विज्ञान की नयी रची जाने वाली किताबों में स्थान देना ही पड़ेगा, भले ही हमारे देश का
मंगल अभियान सफल हो गया हो मगर अब मंगल को वक्री होने से बचाने का दायित्व पंडितों के हाथ होगा, वे सवा लाख दफा ‘ॐ ह्रीं ह्रोम ‘ करके ही मंगल अभियान को साकार कर देंगे, बेवजह देश का हजारों करोड़ रूपया इस पर स्वाहा करने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी।
यह कहना शायद ज्यादा कड़वा हो जायेगा कि वैसे तो सटीक भविष्य बताने का दावा करने वाले इन पंडितों को अपना खुद का भविष्य नहीं मालूम, ये भृगु संहिता नामक एक किताब से भूत, भविष्य और वर्तमान की झूठी भविष्यवाणियाँ जरुर करते हैं और देश भर से आने वाले अक्ल के अंधों का भला करते हैं, मगर अपने गाँव कारोई का भला आज तक नहीं कर पाए और लोगों का भला कैसे करते होंगे ? सच्चाई तो यह है कि केवल अमीरों और रसूखदार लोगों के सामने दुम हिलाने वाले इन मनुवादियों ने शुद्ध लूट की दुकानें खोल रखी हैं और मोटा मुनाफ़ा कमा रहे हैं। कारोई आ कर देख लीजिये बीस तीस पंडित भविष्य बांचने की दुकानें सजा कर बैठे है और एक दूसरे को फर्जी बताते हैं। वैसे असलियत यह है कि सभी फर्जी हैं, मगर देश का दुर्भाग्य है कि जिन लोगों के जिम्मे देश को तर्क, विज्ञान और प्रगतिशील सोच के साथ आगे बढाने का दायित्व है, वे ही यहाँ हाथ फैलाये बैठे है तो सोच लीजियेगा कि देश किधर जा रहा है ?
वैसे इन मोहतरमा के भरोसे अगर “मानव संसाधन मंत्रालय“ और अधिक दिन रहा तो वह “मानव संशोधन मंत्रालय“ बन जायेगा, फिर कोई भी व्यक्ति कर्म में नहीं भाग्य में ही यकीन करेगा और सारे अस्पताल बंद करके झाड़ फूंक करने को राष्ट्रीय चिकित्सा घोषित कर दिया जायेगा। सुनने में आ रहा है कि शिक्षा सहित सभी मंत्रालयों में शीघ्र ही इससे भी और अच्छे दिन आने वाले है, क्योंकि नमो सरकार के सारे ही नमूने पंडित नत्थू लाल के आगे हाथ फैलाने वाले है !
O- भंवर मेघवंशी
- भंवर मेघवंशी, लेखक राजस्थान में कमजोर वर्गों के अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं।
(लेखक मूलतः भीलवाड़ा जिले के निवासी है और मानव अधिकार कार्यकर्त्ता है )