बिहार विधानसभा चुनाव पर तात्कालिक टिप्पणी

भारतीय जनता पार्टी ने और मीडिया ने भी यह मान लिया कि उनकी हार का कारण मोहन भागवत का बयान है कि आरक्षण में फेरबदल होना चाहिए – यह उतना ही सच है जितना कि झूठ।

उनकी हार का वास्तविक कारण पिछड़ी ताकतों का एका है और नीतीश कुमार के बारे में फैलाया गया झूठ है।

कौन इस बात से इनकार कर सकता है कि नीतीश कुमार के कार्यकाल में बिहार की बढ़ोत्तरी नहीं हुई।

नीतीश कुमार के कार्यकाल के सबसे बड़े गवाह तो सुशील कुमार मोदी ही हैं।

भाजपा की और उनके लोगों की सबसे बड़ी गलती लगातार झूठ बोलना रहा।

जो भी हो अब सच सबके सामने है।

एक्जिट पोल भी इसी गलतफहमियों का शिकार रहा। उसे बिहार की सामाजिक जटिलता की समझ को सिर्फ जातीयता समझा। मुसलमानों को केवल भाजपा विरोधी समझा।

आखिर क्या कारण है कि एक्जिट पोल में भी बहुमत महागठबंधन का ही था ?

ख़ैर, अब सच का सामना भाजपा को करना है, जो कि वह नहीं करेगी। बड़बोलापन भारतीय भ्रम दल की विशेषता है। बहुत ताव से कह रहे थे कि कितना दूं। नीतीश जी की बोली में बिहार को खरीदना चाहते हैं। चलो बिहार ने उनके 51 को खरीद लिया। मेहरबानी कर भ्रम दल वाले विधान मंडल में बोल कर भागिएगा नहीं। सुन लीजिएगा बिहारी एकता की बोली।

नरेंद्र मोदी के बारे में क्या लिखूं, भाइयो और बहनो – झूठ ही हमारा सत्य है।

जुगनू शारदेय

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