नवउदारवाद और सांप्रदायिकता के मुकम्मल विरोध की राजनीति के लिए जगह बनाना एक कठिन व लंबा संघर्ष
नवउदारवाद और सांप्रदायिकता के मुकम्मल विरोध की राजनीति के लिए जगह बनाना एक कठिन व लंबा संघर्ष
प्रेम सिंह की पाती जनता के नाम
8 अप्रैल 2014
पूर्वी दिल्ली के मतदाता व सभी नागरिक बहनों/भाइयों
सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मैंने पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में भरसक विचार एवं नीति आधारित चुनाव अभियान चलाने की कोशिश की है। सोशलिस्ट पार्टी, पूरे देश में जिसके 30 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है, ने सबसे पहले अपना घोषणापत्र जारी करके पूंजीवादी और कम्युनल फासिस्ट ताकतों के गठजोड् को परास्त करने की अपील 80 करेाड़ मतदाताओं से की। पूर्वी दिल्ली से सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशी के रूप में मैंने सबसे पहले हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में अपना परचा निकालाा उसके बाद जस्टिस सच्चर द्वारा मेरे समर्थन में की गई अपील छाप कर निकाली। कांग्रेस, भाजपा और ‘आप’ के प्रत्याशियों से पूछे गए सवालों को भी छपवा कर मतदाताओं के बीच बांटा। ‘आप’ के पूंजीवादी और कम्युनल फासिस्ट ताकतों के साथ गठजोड को उद्घाटित करते हुए एक लेख छपवा कर बांटा।
सोशलिस्ट पार्टी के प्रतिबद्ध कार्यकतार्ओं और दिल्ली व जामिया विश्वविद्यालय के छात्रों, शोधार्थियों व शिक्षकों ने लगातार मेहनत करके यह चुनाव सामग्री लोगों तक पहुंचाने का दिनरात काम किया। हमने तीन रैलियां, दो जनसभाएं और दस नुक्कड सभाएं कीं। क्षेत्र में पड्ने वाले लगभग सभी गांवों में पंचायत करके समर्थन मांगाा। कुलदीप नैयर, जस्टिस राजेंद्र सच्चर, प्रोफेसर रणधीर सिंह, प्रोफेसर सत्यमित्र दुबे, प्रोफेसर अपूर्वानंद, पूर्व विधायक व सोशलिस्ट विचारक डॉ सुनीलम, वरिष्ठ सोशलिस्ट नेता श्याम गंभीर, सुभाष भटनागर, डॉ भगवान सिंह, केपी सिंह, शौकत मलिक, दयाराम यादव, नरेंद्र सिंह तेवतिया, केदार सचान, सीपीआई दिल्ली के सचिव प्रोफेसर हारिश, जदयू के महामंत्री अरूण कुमार श्रीवास्तव व केसी त्यागी, खालसा कॉलिज के प्रिंसिपल डॉ जसविंदर सिंह, रामानुजन कॉलिज के प्रिंसिपल डॉ सुमत अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार अरूण कुमार त्रिपाठी, सत्येंद्र सिंह, एडवोकेट अनिल नौरिया, एनडी पंचोली, गजेंद्र सिंह, कला समीक्षक रवींद्र मिश्रा, सुरेंद्र सिंह चौहान, मास्टर रिछपाल सिंह समेत कई साथियों ने मेरे समर्थन में सक्रिय प्रचार कियाा
व्यवथित और सघन रूप से किए गए चुनाव प्रचार के बावजूद मीडिया और नागरिक समाज ने मेरी उम्मीदवारी को गंभीरता से नहीं लियाा यह दर्शाता है कि देश में नवउदारवाद और सांप्रदायिकता के मुकम्मल विरोध और संविधान की मूल संकल्पना के मुकम्मल पक्ष की राजनीति के लिए जगह बनाना एक कठिन व लंबा संघर्ष है।
हम प्रिंट मीडिया के उन साथियों का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने चुनाव अभियान के दोरान कुछ न कुछ जगह सोशलिस्ट पार्टी को दी। हम हस्तक्षेप डॉट कॉम के संपादक साथी अमलेंदु उपाध्याय का तहेदिल से शुक्रगुजार हैं जिन्होंने हमारी चुनाव सामग्री को पूरा प्रकाशित किया और चुनाव प्रचार की खबर प्रतिदिन लगाई।
अंत में उन समस्त युवा साथियों को क्रांतिकारी सलाम जिन्होंने वैचारिक समझदारी और प्तिरबद्धता के साथ यह चुनाव लड कर एक मिसाल पेश की है।
सोशलिस्ट पार्टी का नारा समता और भाईचारा
लड़ेंगे जीतेंगे
आपका साथी
प्रेम सिंह


