लखनऊ, 11 मई। राजधानी लखनऊ की सियासत आज बहुजन समाज पार्टी की नेता पर आरोपों-प्रत्‍योरोपों से गरमाई रही। पार्टी से निकाले गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी की प्रेस कांफेंस के बाद बसपा की मुखिया मायावती ने भी पलटवार किया और नसीमुद्दीन सिद्दीकी को टेपिंग ब्‍लैकमेलर कहा। खुले आरोप लगाते हुए मायावती ने कहा कि नसीमुद्दीन लोगों को डराकर पैसों की उगाही करता था। पार्टी के लोगों को ब्लैकमेल करता था। नसीमुद्दीन के टेप में कोई नई बात नहीं है। बसपा के लोग इस तरह की बातों को सुनने वाले नहीं हैं।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि नसीमुद्दीन ने पार्टी के पैसे का दुरुपयोग किया। हमने उनसे चंदे का हिसाब मांगा था लेकिन उन्होंने नहीं दिया। हमें कई लोगों की ओर से शिकायत मिली, वो पार्टी फंड के पैसे का गलत इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में मजबूरन हमें उन्हें पार्टी से निकालना पड़ा।

सिद्दीकी के ऑडियो क्लिप पर बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उसने ऑडियो क्लिप से छेड़छाड़ की है। उसने अपने हिस्से की बातों को डिलीट कर दिया और सिर्फ मेरी बातों को ही गलत तरीके से पेश किया। ऑडियो टेप में सिर्फ अपने मतलब की बातें सुनवाई। लेकिन उसे भी आप लोगों ने सुना ही होगा। मैंने उसमें भी पार्टी के फंड की ही बात कही है, और कुछ नहीं।

मायावती ने कहा कि पार्टी को गरीब मजदूरों से पैसे मिले। उनके पैसे को नसीमुद्दीन सिद्दीकी खा गए। यही वजह रही कि हमने उन्हें पार्टी से निकाल दिया। गरीबों का यह उसे पैसा फलेगा नहीं। पश्चिमी यूपी के कई लोगों ने मांग की थी कि नसीम को पार्टी से निकाला जाए। सच्चाई तो यह है वह पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं का फोन टेप कर धमकाता थ। उसने बीएसपी की मुहिम को नुकसान पहुंचाया है।

मायावती ने कहा कि मुस्लिम समाज के लोगों का नाम लेकर जिस तरह से उसने बातें कही हैं, वह मैं रिपीट तक नहीं कर सकती, कहने का सवाल ही नहीं उठता है। कल जब उसे निकला तो मुस्‍लिम समाज के लोगों के बहुत फोन आए और कहा कि आपने आज बहुत अच्‍छा काम किया है। मुस्‍लिम समाज को बसपा पर पूरा भरोसा है।

मायावती ने कहा कि मैंने कभी भी आपत्तिजनक बातें मुस्लिम समाज के खिलाफ नहीं कही।

मायावती ने कहा कि जब से मैंने अपने भाई आनंद कुमार को बसपा का उपाध्‍यक्ष बनाया तब से नसीमुद्दीन को बहुत झटका लगा, क्‍योंकि यह लोगों के सामने अपने को दूसरे नंबर का नेता शो करता था। नसीमुद्दीन ने सतीशचंद्र मिश्रा पर जो आरोप लगाए हैं वह बिल्‍कुल निराधार हैं। सतीशचंद्र मिश्रा बहुत निष्‍ठावान कार्यकर्ता हैं। उन्‍होंने पार्टी के और उनके जितने भी मुकदमे लड़े, एक पैसा कभी नहीं लिया। नसीमुद्दीन अपनी तुलना सतीशचंद्र मिश्रा से करता है जबकि वह उनके पैरों की धूल के बराबर भी नहीं है। वह एक चुनाव के बाद कोई चुनाव नहीं जीत सका। उसकी कोई हैसियत ही नहीं है।

बसपा सुप्रीमो ने नसीमुद्दीन सिद्दीकी के उन आरोपों को भी नकारा जिसमें नसीमुद्दीन ने दावा किया था कि बसपा प्रमुख ने उनकी बेटी की मौत पर उन्हें छुट्टी नहीं दी थी।

मायावती ने कहा कि उन्होंने पहली बार सुना कि सिद्दीकी की कोई बेटी भी थी।