नागपुरी आतंकवाद का असली चेहरा आया सामने
नागपुरी आतंकवाद का असली चेहरा आया सामने
यह नये आतंकियों को तैयार करने की नर्सरी नहीं है क्या ?
1925 के जन्मकाल से जो विष बेल समाज में बोई गयी थी उसका असर 30 जनवरी 1948 राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की हत्या के रूप में आया था। तत्कालीन गृह मंत्री पटेल ने नागपुरी आतंकवाद पर प्रतिबन्ध लगा दिया था किन्तु तमाम सारे माफीनामे लिखने के बाद सिर्फ सांस्कृतिक कार्यों को करने की छूट मिली थी। भारत सरकार ने इस आतंकवाद के सम्बन्ध में ध्यान नहीं दिया जिसके फलस्वरूप 6 दिसम्बर 1992 को बाबरी मस्जिद का ध्वंस नागपुरी आतंकवाद की बड़ी घटना थी।
देश के अन्दर नागपुरी आतंकवादियों ने पूरे समाज में एक विष घोल दिया है और हिन्दू समाज के धार्मिक पुरुषों के स्थान पर राजनीति करने वाले तथा अपराधी तत्वों का एक बड़ा तबका हिन्दू धर्म के मतावलंबियों की आस्था का लाभ उठा कर नये-नये मठ व आश्रम खोल कर आतंकी घटनाओ को करने में लग गया है। बम्बई एटीएस चीफ हेमंत करकरे ने बहुत सारे नागपुरी आतंकवादियों को पकड़ कर विभिन्न बम विस्फोटों का पर्दाफाश किया था किन्तु मुंबई आतंकी घटनाओ में उनकी टीम शहीद हो गयी थी। दुर्भाग्यवश देश की राजनीतिक परिस्थितियां ऐसी बदलीं कि व्यापारी, अपराधी व चरित्रहीनता की पराकाष्ठा को पीछे छोड़ चुके कथित संतों की एक पूरी जमात तैयार हुई जो देश और प्रदेश की राजनीति की दिशा व दशा तय करने लगी। बड़े-बड़े राजनेता उनके भक्त हो गए।
हरियाणा के सतलोक आश्रम में कथित संत रामपाल की गिरफ्तारी को लेकर हरियाणा सरकार बनाम रामपाल का युद्ध कई दिनों से चल रहा है। एक दिन का खर्चा लगभग 6 करोड़ रुपये आ रहा है। डीजीपी का बयान मीडिया में आया है जिसमें उन्होंने कहा कि संत के समर्थकों के हमले में 105 पुलिसवाले जख्मी हो गए हैं। उन्होंने बताया कि दो पुलिसवालों को गोलियां लगी हैं। पुलिस महानिदेशक का कहना है कि रामपाल अब भी आश्रम में ही हैं जिन्हें बचाने के लिए कई लोगों को 'बंधक बनाकर' आश्रम में रखा गया है। काफी लोगों के हताहत होने के समाचार मिल रहे हैं।
हरियाणा की पुलिस ने मोदी भक्त आज तक के रिपोर्टर नितिन जैन, मीडिया वालों से मारपीट की और उनके कैमरे भी तोड़ दिए। पुलिस ने घटनास्थल पर रिपोर्टिंग कर रहे टाइम्स नाउ के अलावा एबीपी न्यूज के कैमरे तोड़ डाले। इंडिया न्यूज व अन्य कई चैनलों और अखबारों के पत्रकारों को चोटें आई हैं। पत्रकारों को घटनास्थल से करीब 2 किलोमीटर दूर खदेड़ दिया गया है।
कथित आतंकवादियों को कब्जे में करने की कार्यवाई करने के साथ हरियाणा सरकार मीडिया कर्मियों की पिटाई इस कारण से भी कर रही है कि हमारे हिसाब से चलो अन्यथा यह ट्रेलर पिक्चर में बदल जाएगा।
O- रणधीर सिंह सुमन


