नोटबंदी की तीसरी पुण्यतिथि पर खिसियाए जेटली को चिदंबरम बोले, कोई जेटली को याद दिलाए नोटबंदी पर उन्होंने पहले क्या कहा था
नोटबंदी की तीसरी पुण्यतिथि पर खिसियाए जेटली को चिदंबरम बोले, कोई जेटली को याद दिलाए नोटबंदी पर उन्होंने पहले क्या कहा था
नोटबंदी की तीसरी पुण्यतिथि पर खिसियाए जेटली को चिदंबरम बोले, कोई जेटली को याद दिलाए नोटबंदी पर उन्होंने पहले क्या कहा था
नई दिल्ली, 08 नवंबर। नोटबंदी की तीसरी पुण्यतिथि Third Death Penalty of DEMONETIZATION पर जहां वित्त मंत्री अरुण जेटली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नोटबंदी के बचाव में खिसियाते से नज़र आए वहीं पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने जेटली पर वार करते हुए कहा कोई अरुण जेटली को याद दिलाए कि नोटबंदी पर उन्होंने पहले क्या कहा था।
बता दें नोटबंदी की तीसरी बरसी पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि नोटबंदी अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार की तरफ से उठाया गया महत्वपूर्ण कदम था। सरकार ने पहले भारत से बाहर कालेधन पर शिकंजा कसा।
नोटबंदी के बचाव में अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी का मकसद कैश को बैंकों के जरिए अर्थव्यवस्था में लाना था, न कि उसे जब्त करना।
जेटली की इस जबर्दस्त उलटबाँसी पर पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर कहा,
'वित्त मंत्री कहते हैं कि नोटबंदी का उद्देश्य मुद्रा की जब्ती नहीं था। क्या कोई उनको याद दिलाएगा कि उन्होंने मीडिया से क्या कहा था और अटॉर्नी जनरल ने उच्चतम न्यायालय को क्या बताया था?'
FM says “Confiscation of currency was not an objective of demonetisation”. Will someone please remind him of what he told the media and what the AG told the Supreme Court?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 8, 2018
चिदंबरम ने कहा,
'तीन से चार लाख करोड़ रुपये हासिल करने का सपना था। बैंक काउंटरों पर मनी लॉन्ड्रिंग के कारण यह दिवा स्वप्न साबित हुआ।'
The dream was to gain Rs 3 lakh to Rs 4 lakh crore. Thanks to the rampant money laundering at bank counters, that dream turned into a pipe dream
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) November 8, 2018
बता दें 08 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। पीएम की यह घोषणा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आत्महत्या साबित हुई। नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की कमर टूटी, कई लोग बैंकों की लाइन में मर गए, हजारों लोगों का रोजगार छिन गया, व्यापार चौपट हो गया।
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