न्याय मंच ने मनुस्मृति समान "ब्राह्मणवादी अखबारों" का दहन कर बाबा साहब की जयन्ती मनाई
न्याय मंच ने मनुस्मृति समान "ब्राह्मणवादी अखबारों" का दहन कर बाबा साहब की जयन्ती मनाई
लखनऊ 14 अप्रैल 2017। न्याय मंच ने आज बशीरत गंज नाका हिन्डोला, लखनऊ में साम्प्रदायिक, गरीब, दलित, मजदूर विरोधी अखबारो का किया दहन।
भानिमयू के नेता व न्याय मंच उ.प्र. के अध्यक्ष अमित अम्बेडकर ने एक विज्ञप्ति में कहा कि आज का मीडिया पूरी तरह से बिक चुका है। आज का मीडिया भाजपा का घोषणा पत्र बन कर रह गया है जो भाजपा के मुताबिक अखबारों को चला रहा है और दलाल बिका हुआ मीडिया के सहारे अपनी सडी, गली बदबूदार मानसिकता लोगो में परोस रहा है।
उन्होंने कहा कि लम्बे समय से लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के तौर जाना जाने वाला मीडिया आज बिक चुका है और कुछ लोगों के हाथ का रिमोट बन गया है। जो उन्हीं लोगो की बातों को जनता के बीच लाकर समाज में नफरत की दीवार खड़ी कर रहा है।
मंच अध्यक्ष ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर ने मनुस्मृति को जलाकर ब्राह्मणवाद का दहन किया था। आज अम्बेडकर के विचारों को मानते हुए हम लोगों ने "मनुस्मृति के समान ब्राह्मणवादी अखबारों" का दहन कर 14 अप्रैल बाबा साहब की सच्ची जयन्ती मनाई है।
मंच ने आज बाबा साहब के जयन्ती पर फैसला लिया है कि वह साम्प्रदायिक, दलित, गरीब, मजदूर विरोधी बिकाऊ अखबार को जलाने का अभियान चलायेगी।
मंच ने लोगो से अपील कर कहा कि आप लोग ऐसे अखबारों को खरीदना बन्द कर उन चैनलों का बहिष्कार कर सोशल मीडिया को अपनी आवाज बनाकर देश में बढ़ रहे साम्प्रदायिकता का जहर फैलाकर लोगो के बीच नफरत पैदा करने वालो को कमजोर करने का काम करे।
न्याय मंच के महासचिव मो. शकील कुरैशी ने कहा कि आज 14 अप्रैल है भारतीय संविधान के रचयिता दलितों, महिलाओं, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों, वंचितो के मसीहा भारत रत्न बौद्वित्सव डा, भीमराव अम्बेडकर का जन्म दिन है, लेकिन केंद्र की फासीवादी मोदी सरकार व भाजपा शासित राज्यो मे सबसे ज्यादा दलितों, महिलाओं, आदिवासियों, वंचितो और अल्पसंख्यकों समेत मजदूरों, किसानो छात्र व नौजवानों की आवाज को कुचलने के फासीवादी फैसलों पर भारत का मीडिया/प्रिंट मीडिया पूंजीवादी साम्प्रदायिक जातिवाद सर्मथक संघ भाजपा सरकारों के अक्षम्य कुकर्मो का समर्थन के खिलाफ न्याय मंच ने प्रिंट मीडिया के दलाल अखबारों का अग्निदहन किया।


