पीएमओ के सामने तमिलनाडु का किसान नहीं, इस देश की पूरी व्यवस्था नंगी हुई है, लोकतंत्र नंगा हुआ है
पीएमओ के सामने तमिलनाडु का किसान नहीं, इस देश की पूरी व्यवस्था नंगी हुई है, लोकतंत्र नंगा हुआ है
नई दिल्ली, 11 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात करते हैं, तो मुख्य नयायाधीश न्यायमूर्ति केहर को मोदी के सामने दिल की बात कहनी पड़ती है, लेकिन इस देश का किसान पीएमओ के सामने नग्न हो जाता है और प्रधानमंत्री के कानों में न दिल की आवाज़ पहुंचती है और न किसानों के दिल का दर्द। जब किसान के रूप में इस देश की पूरी व्यवस्था और लोकतंत्र पीएमओ के सामने नंगा हो रहा है तब प्रधानमंत्री आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी-सेल्फी खेलने में व्यस्त हैं।
जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को लेकर पिछले 28 दिनों से धरने पर बैठे तमिलनाडु के किसानों ने सोमवार को साउथ ब्लॉक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय के बाहर नग्न होकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन किसानों को हिरासत मे ले लिया।
किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को दिल्ली पुलिस के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ज्ञापन देने के लिए साउथ ब्लॉक गया था, हालांकि उस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यालय में नहीं थे। कुछ देर प्रतीक्षा करने के बाद सूखे और कर्जग्रस्त किसानों से इंतजार सहन नहीं हुआ और उसमें से एक किसान पुलिस के वाहन से अचानक कूदकर सड़क पर नग्ना दौडऩे लगा। अपने साथी के विरोध को देख अन्य किसान भी उसके समर्थन में उतर आए और सड़क पर नंगे होकर दौड़ने लगे।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि किसान लगभग पिछले एक माह से अपनी मांगों को लेकर जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे, जिस दौरान सोमवार को अपनी मांगों के बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय ज्ञापन देने के लिए आए थे। कुछ अज्ञात कारणों से किसान भड़क गए, जिसके बाद उन्होंने वहां सड़कों पर निर्वस्त्र होकर दौडऩा शुरू कर दिया।
पुलिस की ओर से किसानों को हिरासत में लेने जैसे कोई कार्यवाही नहीं की गई है, लेकिन किसानों को पुलिस की गाड़ी मे बैठाकर जंतर मंतर पर जरूर छोड़ा गया है।
पुलिस सूत्रों ने दावा किया कि किसान प्रतिनिधिमंडल पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं की गई है और उन्हें तुरंत सकुशल जंतर मंतर छोड़ दिया गया है।
बता दें कि तमिलनाडु के इन किसानों का कहना है कि वे भयंकर सूखे और कर्ज की बोझ के तले दबे हुए हैं। राज्य में पूर्वोत्तर मानसून के दौरान बहुत कम बारिश हुई है, जिससे सूखे व कर्ज के भारी बोझ के चलते आत्महत्या के मामले बढ़ रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार कर्ज माफी के साथ किसानों के लिए राहत पैकेज भी दें, मद्रास उच्च न्यायालय भी किसानों की दिक्कतों को देखते हुए कर्ज माफी का निर्देश दे चुका है।
प्रतिक्रियाएं
तमिलनाडु में 100 साल का सबसे भयंकर सूखा पड़ा है। करीब 15 दिन से जंतर मंतर पर धरना दे रहे किसानों ने पीएमओ के सामने कपड़े उतार कर प्रदर्शन किया।
इस पर असम्मानजनक टिप्पणी से बचिएगा प्लीज। कोई यूँ ही नंगा नही होता। जिन लोगों ने जिंदगी में कभी धरना प्रदर्शन किया है वो जानते होंगे। पीएमओ के सामने तमिलनाडु का किसान नहीं, इस देश की पूरी व्यवस्था नंगी हुई है। लोकतंत्र नंगा हुआ है।
- सत्येंद्र पीएस
तमिलनाडु के किसानों ने पीएम हाउस के सामने प्रदर्शन किया लेकिन पीएम को नजर ही नहीं आया, इस तरह का बेदर्द और संवेदनहीन पीएम भारत में पहले कोई नहीं हुआ।
- जगदीश्वर चतुर्वेदी


