फर्नांडिस ने सेक्स वर्कर्स की समस्याओं पर विचार का दिया आश्वासन
फर्नांडिस ने सेक्स वर्कर्स की समस्याओं पर विचार का दिया आश्वासन

Law and Justice news in Hindi
एआईएनएसडब्ल्यू के प्रतिनिधि मिले केंद्रीय मंत्री ऑस्कर फर्नांडिस से
मंत्री ने सेक्स वर्कर्स की समस्याओं पर विचार का दिया आश्वासन
नई दिल्ली 23 अगस्त- अपनी विभिन्न माँगों और समस्याओं को लेकर आज ऑल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स (एआईएनएसडब्ल्यू) के प्रतिनिधियों ने एड्स पर बने संसदीय फोरम के अध्यक्ष (President of Parliamentary Forum on AIDS) और केंद्रीय मंत्री ऑस्कर फर्नांडिस से मुलाकात करके अपनी समस्याओं को उनके सामने रखा।
देश के विभिन्न राज्यों से आई यौनकर्मियों के 6 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने सेक्स कर्मियों पर होने वाले अत्याचारों (atrocities on sex workers) के बारे में विस्तार से मंत्री जी से चर्चा की और कानून की आड़ मे उन पर होने वाले अत्याचारों पर भी विस्तार से प्रकाश डाला। श्री फर्नांडिस ने प्रतिनिधि मंडल को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगो पर गहनता से विचार किया जाएगा और केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री से भी उनकी समस्याओं को लेकर चर्चा की जाएगी।
श्री फर्नांडिस ने यौनकर्मियों की समस्याओं पर स्वीकारोक्ति देते हुए उन्हें ये भरोसा दिलाया कि सरकार की तरफ से ये प्रयास किया जाएगा कि केंद्रीय योजनाओं में यौनकर्मियों को शामिल किया जाए।
ऑल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स की अध्यक्षा श्रीमती भारती डे ने बताया कि इम्मोरल ट्रैफिकिंग प्रिवेंशन एक्ट (इट्पा)- 1956 कानून (Immoral Trafficking Prevention Act (ITPA) - 1956 Act) की कुछ धाराएं यौनकर्मियों के अधिकारों पर कुठाराघात करती हैं।
श्रीमती डे ने बताया कि यौनकर्मियां भी समाज का ही अंग हैं और जो अधिकार देश के किसी अन्य नागरिक को प्राप्त हैं वही अधिकार उनके लिए भी हैं लेकिन फिर भी यौनकर्मियों के साथ कानून का डर दिखाकर अत्याचार किया जाता है।
श्रीमती डे ने बताया कि उन्होंने यौनकर्मियों पर होने वाले अत्याचारों को केंद्रीय मंत्री के समक्ष रखा।
नेटवर्क की महासचिव कुसुम ने बताया कि सेक्सकर्मियों को कानूनी मान्यता (Legal recognition to sex workers) नहीं मिलने के कारण उन पर असहनीय अत्याचार होता है।
कुसुम ने बताया कि संशोधित इट्पा कानून लागू होने के बाद यौनकर्मियां अपने बूढे माता पिता या 18 साल से अधिक उम्र के बच्चों का पालन पोषण तक नही कर पाएंगी। इतना ही नहीं संशोधित इट्पा कानून की वजह से उनका जीवन पूरी तरह नष्ट हो जाएगा।
कुसुम ने बताया कि संशोधित कानून लागू होने के बाद यौनकर्म घटने की जगह बढ़ जाएगा और सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वास्थ्य कार्यक्रमों को लागू करना भी सरकार के लिए कठिन हो जाएगा।
प्रतिनिधि मंडल ने अपनी मांगों और समस्याओं का एक मेमोरेंडम केंद्रीय मंत्री को सौंपा।
विज्ञप्ति के अनुसार केंद्रीय मंत्री श्री फर्नांडिस ने भरोसा दिलाया कि उनकी मांगो पर सकारात्मक विचार किया जाएगा और यौनकर्मियों पर होने वाले अत्याचारों को रोकने के लिए संबंधित मंत्रालयों और विभागों से भी विचार किया जाएगा।
गौरतलब है कि 21 और 22 अगस्त को दिल्ली में 13 राज्यों की सेक्स कर्मियों ने ऑल इंडिया नेटवर्क ऑफ सेक्स वर्कर्स के बैनर तले दो दिवसीय नेशनल कंस्लटेशन में हिस्सा लिया था। जिसमें केंद्रीय मंत्री ऑस्कर फर्नांडिस सहित विभिन्न कानून निर्माताओं और समाजविदों ने शिरकत की थी।