बजरंग दल के उपद्रवियों पर कार्रवाई की माँग
बजरंग दल के उपद्रवियों पर कार्रवाई की माँग
क्रिसमस व नववर्ष मिलन के सर्वधर्म सद्भाव के कार्यक्रम में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया हंगामा
इंदौर, 30 दिसंबर। बीती 28 दिसंबर 2014 को गीता भवन प्रांगण, इंदौर में सद्भावना प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित क्रिसमस व नववर्ष मिलन के सर्वधर्म सद्भाव के कार्यक्रम में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पहुँचकर हंगामा किया था तथा शहर के प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिकों सर्वश्री आनंदमोहन माथुर, फादर प्रसाद, प्रो. सरोज कुमार, श्रीमती पेरीन होमी दाजी, तपन भट्टाचार्य सहित अनेक शांतिप्रिय व सभ्य लोगों के साथ अभद्रता की गई थी। सद्भावना प्रतिष्ठान ने गीता भवन ट्रस्ट प्रबंधन से अनुमति लेकर सभी धर्मों के बीच आपसी सौहार्द्र बढ़ाने के उद्देश्य से उक्त कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें बजरंग दल के लोगों ने हुड़दंग मचाया और उपस्थितजनों से बदसलूकी की।
शहर में धर्म के नाम पर की जा रही गुंडागर्दी के विरोध में आज विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने इंदौर संभागायुक्त से मुलाकात कर साम्प्रदायिक तत्वों द्वारा की जा रही सौहार्द्र बिगाड़ने वाली घटनाओं पर रोष व चिंता व्यक्त की और उपद्रवियों के खि़लाफ शीघ्र कार्रवाई करने की माँग का ज्ञापन सौंपा। इसके पूर्व कल 29 दिसंबर को विभिन्न समूहों व संगठनों के सदस्यों व व्यक्तियों ने बजरंग दल के सदस्यों द्वारा हाल में शहर के प्रतिष्ठित व वरिष्ठ नागरिकों के साथ बदसलूकी करने का विरोध करते हुए बड़ी संख्या में इंदौर में गाँधी प्रतिमा के सामने रीगल चौराहे पर प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन स्वतःस्फूर्त था।
ज्ञापन में कहा गया कि यह नागरिकों के संवैधानिक लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है। इससे यह संदेश भी साफ़ है कि क़ानून और संविधान की इन उपद्रवी तत्वों की नज़रों में क्या इज्जत है।
ज्ञापन में कहा गया कि ऐसे उपद्रवकारियों का विरोध करने के बजाय आयोजन के दूसरे दिन 29 दिसंबर, 2014 को जनप्रतिनिधि विधायक श्री रमेश मेंदोला एवं पार्षद श्री चंदू शिंदे के साथ गये लोगों ने गीता भवन पहुँचकर आयोजन स्थल को गंगाजल से धोया और कहा कि इस तरह उन्होंने गीता भवन का कथित शुद्धिकरण किया। गीता भवन एक सार्वजनिक स्थल है जहां विभिन्न धर्मावलंबी आते हैं। उक्त जगह पर इस तरह का शुद्धिकरण करना छुआछूत का प्रचार करना है तथा यह संवैधानिक मौलिक नागरिक अधिकारों का भी अपमान है। ज्ञापन में जनप्रतिनिधियों द्वारा इस कार्य में भागीदारी की निंदा की गई और सरकार व प्रशासन से इन जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई की मांग की गई।
इंदौर की उपायुक्त सुश्री संघमित्रा गौतम से चर्चा में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रशासन को अपनी जि़म्मेदारी निभाना चाहिए और ऐसे कदम उठाने चाहिए कि अमनपसंद नागरिकों को यह शहर गुंडों की गिरफ़्त में न महसूस हो। उन्होंने यह भी कहा कि जब जनप्रतिनिधि भी साम्प्रदायिक नफ़रत फैलाने वाली गतिविधियों में शरीक हैं तो प्रशासन का यह दायित्व है कि वह संविधान व लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा करे। ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में रुद्रपाल यादव, जि़ला सचिव-एटक, गौरीशंकर शर्मा, जि़ला सचिव-सीटू, कैलाश लिंबोदिया, राज्य कमेटी सदस्य-सीटू, विनीत तिवारी, प्रांतीय महासचिव, म.प्र.प्रगतिशील लेखक संघ और डाॅ. जया मेहता, अर्थशास्त्री, संदर्भ केन्द्र शामिल थे। ज्ञापन सौंपने के बाद मालवा मिल चैराहे पर सभा का भी आयोजन किया गया जिसमें वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता वसंत शिंत्रे, कैलाश गोठानिया, राजेन्द्र सिंह अटल, निर्मला देवरे, शैला शिंत्रे, केसरीसिंह चिड़ार, जी. बी. राय, मोहन निमजे, ओमप्रकाश खटके, चुन्नीलाल वाधवानी, सारिका श्रीवास्तव, अजय बागी, रामआसरे पाण्डे, सुरेश उपाध्याय आदि भी शरीक हुए।


