लखनऊ 18 सितम्बर 2017 । रिहाई मंच बटला हाउस की नौवीं बरसी पर "बटला हाउस के नौ साल बाद आज़मगढ़ " रिपोर्ट जारी करेगा।

गौरी लंकेश की शहादत को याद करते हुए बटला हाउस फर्जी मुठभेड़ की नौवीं बरसी पर 'लोकतंत्र पर बढ़ते सरकारी हमले' सेमिनार में मुख्यवक्ता पूर्व आईपीएस विकास नारायण राय होंगे।

रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज आलम ने बताया कि आज़मगढ़ संजरपुर निवासी मंच के नेता मसीहुद्दीन संजरी द्वारा लिखित रिपोर्ट में आतंकवाद के नाम पर विभिन्न मामलों में पकड़े गए आज़मगढ़ के नौजवानों और बटला हाउस के बाद लापता नौजवानों और आतंकवाद के नाम पर जेलों में बंद युवकों के ऊपर चल रहे मुकदमों की धीमी सुनवाई और प्रशासन की साम्प्रदायिक रवैये पर बात की गई है। साथ ही साथ उनके परिवारों की आर्थिक -सामाजिक और मानसिक प्रताड़नाओं का जिक्र किया गया है।

रिहाई मंच प्रवक्ता शाहनवाज़ आलम ने कहा कि पिछले दिनों कर्नल पुरोहित की जमानत को उनकी बेगुनाही के बतौर जिस तरह से प्रचारित किया जा रहा है ऐसे में समझौता बम विस्फोट की जांच करने वाली एसआईटी के प्रमुख रहे पूर्व आईपीएस विकास नारायण राय को सुनना महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि जिस तरह देश में आतंकवाद के विभिन्न मामलों में सालों साल बाद छूटने के बाद भी यह मानसिकता बनाई जाती है कि वह सबूतों के अभाव में छूट गए। ऐसा कह कर उनकी बेगुनाही पर संदेह पैदा करने की कोशिश की जाती है। ऐसे ही वक्त में आतंकवाद के आरोपी कर्नल पुरोहित की सिर्फ ज़मानत पर सेना की तीन-तीन गाड़ियां जेल से उन्हें लाती हैं और उनको सेना की वर्दी से ‘सुशोभित’ किया जाता है। बटला हाउस की बरसी पर हम आतंकवाद से जुड़े अन्य मामलों पर भी सरकार व सुरक्षा एजेंसियों के रवैये पर चर्चा करेंगे।

रिहाई मंच प्रवक्ता ने बताया कि इस मौके पर ’तारीखों में गुज़रे नौ साल’ एक रिपोर्ट भी जारी होगी जो आज़मगढ़ के उन नौजवानों और परिवारों के बारे में है जो मार दिए गए, जेलों में बंद हैं या फिर कुछ लापता हैं जिन्हें फरार बता कर कभी आईएस से जोड़ा जाता है तो कभी इराक और सीरिया में उनके मारे जाने की खबरें जारी की जाती हैं।