बस्तर में सैन्य दखलंदाजी के खिलाफ सम्मेलन
बस्तर में सैन्य दखलंदाजी के खिलाफ सम्मेलन
अबूझमाड़ के कुल क्षेत्रफल 4000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का 600 वर्ग किमी सेना को बेस कैम्प के लिए सौंपा जा रहा है। इतने बड़े इलाके में सेना के आने से स्थानीय लोगों का विस्थापन व जंगल की तबाही होना तय है। अबूझमाड़ के कुल क्षेत्रफल 4000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र का 600 वर्ग किमी सेना को बेस कैम्प के लिए सौंपा जा रहा है। इतने बड़े इलाके में सेना के आने से स्थानीय लोगों का विस्थापन व जंगल की तबाही होना तय है। कैम्प बनाने की प्रक्रिया के नाम पर जंगल जमीन व खनिज सम्पदा और जनांदोलनों को तबाह करने के अभियान को अंजाम देने की ही तैयारी है। सेना के इस हस्तक्षेप का विरोध जरूरी है।
वक्ता
एबी वर्धन, महासचिव, सीपीआई
अमित भादुड़ी, प्रोफेसर एमेरिटस, जेएनयू
अर्पणा, सीपीआई एमएल- न्यूडेमोक्रेसी
अरूंधति राय,लेखिका
बीडी शर्मा, पूर्व कमिश्नर बस्तर
ईएन राममोहन, पूर्व डीजीपी, बीएसएफ
मदन कश्यप, साहित्यकार
सुमित चक्रवर्ती, सम्पादक- मेनस्ट्रीम
सुधा भारद्वाज, पीयूसीएल, छत्तीसगढ़
गिरिजा पाठक, सीपीआई एमएल- लिबरेशन
पंकज बिष्ट, सम्पादक- समयांतर
एसएआर गिलानी, दिल्ली विश्वविद्यालय
शशि भूषण पाठक,पीयूसीएल, झारखंड
अर्जुन प्रसाद, पीडीएफआई
दिनांक : 21 मई, 2011, समय : दोपहर 3 बजे से रात 8 बजे तक
स्थान : गांधी शांति प्रतिष्ठान, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग, आईटीओ के पास


