बाबा रामदेव - योगी या आतंकवादी - सशस्त्र सेना की योजना
बाबा रामदेव - योगी या आतंकवादी - सशस्त्र सेना की योजना
स्वामी
बालेन्दु जी का एक और पत्र बाबा रामदेव के नाम
प्रिय बाबा रामदेव,
मैंने आपको २२ मार्च को एक पत्र लिखा, और अभी २ दिन पहले ६ जून को भी एक पत्र लिखा | मैंने ये सोचा भी नहीं था कि मैं आपको इतनी जल्दी फिर पत्र लिखूंगा परन्तु मैं अपने आपको रोक नहीं पाया जब मैंने आपको ये कहते हुए सुना कि अब आप अपनी सशस्त्र सेना बनायेंगे ! आपका कहना है कि आप ११००० भारत के जवान आदमी और औरत अपनी सेना में शामिल करेंगे | मुझे ये सुनकर सच में धक्का लगा जब आपने ये कहा कि अगली बार रामलीला मैदान में रावण लीला होगी | राम भगवान है और रावण राक्षस है, क्या आप सच में ये कहना चाहते हो कि अब वहां रामलीला की जगह रावण लीला होगी ? तो ये भी बताएं कि कौन रावण होगा? क्या आप? आप धमका रहे हैं कि आप सेना बनायेंगे भारत के ११००० जवानों को हथियार चलाने का प्रशिक्षण देंगे, और आप चाहते हैं कि आपके ये हथियार बंद सैनिक पुलिस और सरकार से लड़ेंगे |
आखिर आपको हो क्या गया है बाबा रामदेव? आपकी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है | आपकी सेना और तालिबान जैसे आतंकवादी संगठनों में क्या अंतर रहा गया? उन्होंने भी अपनी स्वयं की सेना बना रखी है, वो भी हथियार चलाने का प्रशिक्षण देते हैं ! क्या अब आप भी उन्हीं की तरह आत्मघाती हमलावर तैयार करेंगे? क्या आप सचमुच गंभीर हैं इस बारे में? आपको RSS का समर्थन प्राप्त है जिनके कि कुछ सदस्यों के ऊपर काफी समय पहले ही आतंकवादी होने का आरोप लग चुका है | क्या भारत के नौजवानों के लिए यही उपदेश रहा गया है आपके पास? कोई योग शिक्षा नहीं जाओ और हथियार उठाओ?
जरा याद कीजिये अभी कल ही आप क्या कह रहे थे? कि "यदि महात्मा गाँधी वहां होते तो रो रहे होते" शनिवार रात की हिंसा को देखकर | और अब खुद आप क्या कह और कर रहे हो? क्या आप स्वयं ही योग में बताये गए पांच यमों में से एक अहिंसा को बिलकुल ही भूल गए हो? आपके शब्दों में कितनी हिंसा और क्रोध भरा हुआ है, ये किसी योगी या साधु की वाणी तो नहीं लगती, कृपया इस तरह की बातें करना बंद करें अथवा अपने आपको योगी या सन्यासी कहलवाना बंद करें एसा न सोचें कि आपकी ये बातें लोगों को अच्छी लगती हैं, जब भी आप इस तरह की बातें करते हैं तो बहुत से लोग आपसे विमुख हो जाते हैं |
मैंने तो यह भी सुना कि जो ५०००० लोग पिछले सप्ताहांत में दिल्ली में इकठ्ठे हुए थे, उनमे से २०००० तो आपके कर्मचारी एवं उनके परिवारी जन ही थे जो कि आपके विभिन्न कारखानों में काम करते हैं | उनको आदेश मिला कि वो आपका दिल्ली में समर्थन करें और साथ में तनख्वाह भी लें | तो वो तो आपके वेतनभोगी अनुयायी हुए, तो क्या आपने रिश्वत दे कर भीड़ इकठ्ठा करी थी? जिनके बारे में मैंने कल के ब्लॉग में लिखा था | आपने स्वयं ही कहा कि आप रामलीला मैदान से औरतों के कपड़ों में छुप कर भागे कि पुलिस आपको पकड़ कर मार नहीं दे | जैसा कि आप कहते है कि यही उनकी मंशा थी, मैं आपकी लम्बी उम्र की कामना करता हूँ परन्तु सोचें कि अगर सच में उस रात आपको कुछ हो जाता तो अब तक तो इस सरकार का अंत हो गया होता | आखिर वो एसा क्यूँ करना चाहेंगे?
बीजेपी जैसी विपक्षी पार्टी अब आपका समर्थन करके आपको अपनी तरफ लाने के लिए बहुत उत्सुक है | वो सोचते हैं कि इस तरह से वो अगले चुनाव में अपने लिए हिन्दू वोटों को सुरक्षित कर लेंगे | परन्तु अब भारत के लोगों को आपके इरादे और मंतव्य समझ में आ गए हैं, जो कि न लोगों के हित में है और न ही देश के हित में है, केवल आपकी अपनी ताकत, साम्राज्य और धन को बढाने के लिए हैं | लोगों को अब यह असलियत समझ में आ चुकी है इसलिए न तो वो आपका समर्थन करेंगे और न ही उस पार्टी का जो कि आपको समर्थन देती हो |
मुझे पूरा विश्वास है कि आज भारत का नौजवान इतना मूर्ख नहीं है जो कि आपकी बातों में आकर सरकार के खिलाफ हथियार उठाकर आतंक का रास्ता अपना ले |
श्रीमान रामदेव आपने कुछ बहुत बड़ी गलतियाँ करी हैं, और अब तो यह कोई योग या जनहित के सन्दर्भ में भी नहीं है | आपकी राजनितिक महत्वाकांक्षाओं ने आपको हिंसक बना दिया है, आपने अपनी मर्यादों का उल्लंघन किया है और मैं आशा करता हूँ कि आपको आपकी गलतियाँ बहुत जल्दी ही समझ में आएँगी |
आपको बहुत बहुत प्रेम
स्वामी बालेन्दु


