बाबी जिंदल ग्लोबल हिंदुत्व का चेहरा है, मोदी से भी बड़ा
बाबी जिंदल ग्लोबल हिंदुत्व का चेहरा है, मोदी से भी बड़ा
इस्लाम की बुराई को खत्म करने के ऐलान को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का मुख्य मुद्दा बना दिया है बाबी जिंदल ने!
ग्लोबल हिंदुत्व अब उफान पर है।
ग्लोबल हिंदुत्व अब उफान पर है। बाबी जिंदल ग्लोबल हिंदुत्व का चेहरा है, जो जनम से हिंदू है लेकिन पीयूष नाम के बदले अब उनका नाम बाबी है। उन्होंने अमेरिकी आतंक विरोधी युद्ध का मोर्चा अमेरिका में ही खोल दिया है और इस्लाम की बुराई को खत्म करने के ऐलान को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का मुख्य मुद्दा बना दिया है। उनका आरोप है कि मुसलमान अमेरिका पहुंचकर अमेरिकी आजादी का गलत इस्तेमाल करके अपने इलाकों में शरिअत कानून लागू करते हैं और वे ऐसे मुसलानों के अमेरिका में घुसने पर पाबंदी लगाना चाहते हैं। इस पर दुनिया भर में बवाल मचा हुआ है और इस विवाद में उनका इंटरव्यू प्रसारित करके लोकप्रिय अमेरिकी टीवी चैनल को उनके गलत तथ्यों और झूठ के प्रसारण के लिए माफी मांगनी पड़ी है। पूरे मामले को मशहूर पत्रकार आरिफ जकारिया ने सिलसिलेवार पेश किया है। लेकिन भारतीय मीडिया में इस विवाद का जिक्र भर नहीं है।
खास बात यह है कि मुसलमानों के खिलाफ बाबी जिंदल के इस जिहाद और भारत को 2021 तक इस्लाम मुक्त करने के आरएसएस के एजंडे में कोई खास फर्क नहीं है। रंगभेद की विरासत से अमेरिका अभी रिहा नहीं हुआ है और व्हाइट हाउस के मौजूदा वाशिंदे अमेरिका के पहले अश्वेत प्रेसीडेंट बराक हुसैन ओबामा और फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा इन दिनों खुद रंगभेद का शिकार होने की आपबीती सुना रहे हैं। ऐसे में आर्य आक्रमण सीधे अमेरिका पर होने लगा है।
बाबी जिंदल कोई मामूली शख्स नहीं हैं। वे रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार की दौड़ में शामिल होकर मुसलमानों के खिलाफ यह जिहाद शुरु कर रहे हैं और उनके प्रेसीडेंट बनने की अच्छी खासी संभावना है। जो जायनी लाबी अमेरिका पर हर क्षेत्र में राज करती है, उनका खुल्ला समर्थन बाबी को है, जिनका गठजोड़ ग्लोबल हिंदुत्व के साथ है। जायनी लाबी और हिंदुत्व के इस गठजोड़ की आर्थिक ताकत भी अमेरिका में क्या सारी दुनिया में सबसे बड़ी है और मुसलमानों के खिलाफ जिहाद के साथ दौड़ शुरू करने वाले लुइसियाना के रिपब्लिकन गवर्नर के खतरनाक इरादे में कोई शक की गुंजाइश भी नहीं है।
मालूम हो कि रिपब्लिकन राष्ट्रपति सीनियर और जूनियर बुश की अगुवाई में इस्लाम के खिलाफ इस युद्ध की शुरुआत हुई थी, जिसमें अब इजराइल और ब्रिटेन के साथ भारत आमेरिका का पार्टनर इस हद तक है कि फलीस्तीन के समर्थन की राजनय उसने छोड़ दी है।
आरएसएस का शत प्रतिशत हिंदुत्व का एजेंडा भी अमेरिका के इस्लाम के खिलाफ युद्ध का विस्तार है, जिससे भारत ही नहीं, संपूर्ण एशिया अब धर्मयुद्धस्थल में तब्दील है और अब इस महायुद्ध के सिपाहसालार बाबी जिंदल हैं।
पलाश विश्वास


