हिंदुओं के पतन का जिम्‍मेदार है ब्राह्मणवाद | Brahminism is responsible for the downfall of Hindus

"ईसा पूर्व 900 से 600 का कालखंड ब्राह्मण साम्राज्‍य का दौर था। ब्राह्मणवाद ने बौद्ध धर्म समेत राष्‍ट्रवाद को भी तबाह कर डाला। ब्राह्मणवाद ने शिवाजी के साम्राज्‍य को बरबाद कर दिया। सिक्‍खों ने बड़ी मुश्किल से खुद को ब्राह्मणवाद से बचाया। आज भी भारत ब्राह्मणवाद की बेड़ियों में जकड़ा हुआ है। इसी वजह से हिंदू संस्‍कृति राष्‍ट्रविरोधी है। वही हिंदू-मुस्लिम टकराव के लिए भी जिम्‍मेदार है। ब्राह्मणवाद हिंदुओं के पतन का जिम्‍मेदार है। हिंदू राष्‍ट्रवाद या हिंदुत्‍व का हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। आरएसएस असल में हिंदू विरोधी संस्‍था है। यह राष्‍ट्रवाद की दुश्‍मन है। आरएसएस और ब्राह्मणवाद का इलाज जाति के खात्‍मे और हिंद स्‍वराज में है।"

इनमें से कोई भी वाक्‍य मेरा नहीं है। सब स्‍वामी धर्म तीर्थ का लिखा है, जो प्रसिद्ध समाज सुधारक नारायण गुरु के दीक्षित शिष्‍य थे।

यह सब आज का लिखा नहीं है कि कोई भी ऐरा-गैरा मुंह खोलकर इन्‍हें कांग्रेसी ठहरा दे।

यह पुस्‍तक 1941 में लाहौर से प्रकाशित हुई थी। 1956 में स्‍वामीजी को महसूस हुआ कि वे अब हिंदू नहीं रह सकते, तो उन्‍होंने हिंदू धर्म को त्‍याग दिया और इस ऐतिहासिक दस्‍तावेज़ को छोड़कर 1978 में अहिंदू ही सिधार गए।

यह किताब पीडीएफ के रूप में नेट पर है। कहीं और नहीं मिलेगी।

इस देश की मिट्टी, हवा, पानी और देशज मानस के सहारे हिंदुत्‍व और हिंदू राष्‍ट्रवाद के फर्जीवाड़े से लड़ने के खांटी सूत्र पाने हों, तो इसे पढ़िए और गुनिए। पिछले साल गुज़रे लेखक यूआर अनंत‍मूर्ति भी ऐसा ही कुछ लिखकर गए लेकिन किसी ने ध्‍यान नहीं दिया। अब दिया जाना चाहिए। कल उनकी किताब पर चर्चा करूंगा।

फिलहाल नीचे दिए लिंक पर जाकर डाउनलोड करें। दुआ करिए कि मैं इसका अनुवाद पूरा कर दूं तो हिंदी में भी पढ़ने को जल्‍द मिल सके।

https://archive.org/details/HistroyOfHinduImperialism

अभिषेक श्रीवास्तव