मुगलसराय (उप्र) 22 फरवरी। आइपीएफ के राष्ट्रीय संयोजक अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा है कि भाजपा का राष्ट्रवाद लोकतंत्र विरोधी और देश की जनता के लिए विनाशकारी है। देशभक्ति की उसकी व्याख्या औपनिवेशिक है। उसकी राजनीतिक चाल से किसानों और आम नागरिकों को सावधान रहना चाहिए।
मुगलसराय में आइपीएफ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि मोदी सरकार से मोहभंग हो रही जनता को गुमराह करने के लिए भारतीय जनता पार्टी देश भक्ति की भावना का दुरुपयोग करने की कोशिश में लगी है, लेकिन आम जनता ने उसकी राजनीतिक साजिश को समझकर उसके अभियान को नकार दिया है। भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक अवसरवाद का पर्दाफाश कश्मीर में पहले ही हो चुका है। उन्होंने कहा कि 1860 में बनी भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए में यह स्पष्ट है कि सरकार भक्ति ही देश भक्ति है। अंग्रेजी हूकूमत उन सभी लोगों को देशद्रोही मानती थी, जो उनकी सरकार की आलोचना करते थे और अंग्रेजों से देश को आज़ाद करना चाहते थे। औपनिवेशिक काल के बने इस कानून को अभी भी बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है फिर भी इसे बनाएँ रखा गया ताकि असहमति और सरकार में अविश्वास व्यक्त करने वाले लोगों का समय समय पर निर्मम दमन किया जा सके। ऐसे कानून को तत्काल समाप्त करने की जरूरत है।
अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि ब्रिटेन, जिसके जनतांत्रिक ढांचे से भारतीय जनतंत्र ने बहुत कुछ लिया है, वहां भी क्राउन के खिलाफ की जाने वाली नारेबाजी देशद्रोह की श्रेणी में नहीं आती है। उन्होंने कहा कि वह सभी ताकतें जो भारतीय जनता पार्टी के जनविरोधी अभियान के खिलाफ लड़ रही हैं, उन्हें इस कानून को समाप्त करने की मांग करनी चाहिए। दरअसल भारतीय जनता पार्टी खूंखार कारपोरेट पूंजी के हित में राष्ट्रवाद के नाम पर इस तरह का आक्रामक उन्मादी अभियान चला रही है। महंगाई, बेरोजगारी से लोगों की आर्थिक स्थिति और खराब हुई है और जो कुछ हमारे देश की विवेकशील सामाजिक, सांस्कृतिक धरोहर है उसे नष्ट करने पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आमादा है।