भारतीय श्रमिक वर्ग पर केंद्रित छः वेबिनारों की श्रृंखला
भारतीय श्रमिक वर्ग पर केंद्रित छः वेबिनारों की श्रृंखला

किसान आंदोलन
Series of six webinars focused on the Indian working class
नई दिल्ली 27 अक्टूबर, 2020। देश के पहले केंद्रीय श्रम संगठन एटक (AITUC) के शताब्दी वर्ष के अवसर पर जोशी-अधिकारी इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज (जैस), दिल्ली की ओर से भारत की मेहनतकश जनता के विभिन्न तबकों के हाल-अहवाल जानने और उनके शानदार ऐतिहासिक संघर्षों की याद के साथ मौजूदा चुनौतियों को समझने के लिए छः वेबिनारों की एक श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है।
इस श्रृंखला की पहली वेबिनार का विषय है भारत में श्रम कानून - इतिहास और वर्तमान।
इन वेबिनारों में संगठित-असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों पर, महिलाओं के श्रम पर, खेती में लगी श्रम शक्ति पर, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और आधुनिक बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के उत्पादन तथा सेवा क्षेत्र में कार्यरत श्रमिकों के संघर्षों व समस्याओं पर तथा श्रम कानूनों में आ रहे बदलावों पर विभिन्न विशेषज्ञ वक्तव्य देंगे।
webinar on Labour laws
इस श्रृंखला की शुरुआत होगी 28 अक्टूबर 2020 से। पूरी श्रृंखला में एक-दो वक्तव्यों को छोड़ सभी वक्तव्य हिंदी में होंगे। जो वक्तव्य अंग्रेजी में होंगे उनके संक्षिप्त अनुवाद भी प्रस्तुत किये जाएँगे।
छः वेबिनारों की इस श्रृंखला का परिचय देंगे जोशी-अधिकारी इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज (जैस), दिल्ली अध्यक्ष श्री एस. पी. शुक्ला।
श्री शुक्लाजी भारत सरकार के पूर्व वित्त एवं वाणिज्य सचिव भी रहे हैं।
इस वेबिनार में भारत में श्रम नियमन: उपनिवेशवाद से नवउपनिवेशवाद तक विषय पर बेंगलुरु स्थित नेशनल लॉ स्कूल ऑफ़ इंडिया यूनिवर्सिटी के विजिटिंग प्रोफ़ेसर बाबू मैथ्यू अपने विचार रखेंगे। प्रोफेसर मैथ्यू अनेक ट्रेड यूनियन आंदोलनों व सामाजिक आंदोलन के भागीदार भी रहे हैं।
वेबिनार के दूसरे वक्ता हैं डॉ. विवेक मोंटेरो। डॉ. मोंटेरो भारत में मेहनतकश तबके के अधिकारों पर हमला और उसका जवाब विषय पर वक्तव्य देंगे।
डॉ. मोंटेरो भौतिक वैज्ञानिक और गणितज्ञ होने के साथ ही सीटू (महाराष्ट्र) के राज्य सचिव भी हैं। वे चार दशकों से अधिक समय से मुंबई के मजदूर आंदोलनों में प्रमुख भूमिका निभाते आ रहे हैं। डॉ. मोंटेरो अखिल भारतीय जनविज्ञान नेटवर्क के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी हैं।
क्योंकि यह वेबिनार हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही भाषाओं में होगी जिसका अनुवाद और संक्षिप्त टिप्पणी करेंगी डॉ. आकृति भाटिया।
डॉ. आकृति पत्रकार होने के साथ ही साथ श्रम मामलों पर शोधार्थी भी हैं।
यह वेबिनार ज़ूम पर आयोजित की जाएगी जिसका फेसबुक पर भी लाइव प्रसारण होगा।


