New report reveals about deaths due to air pollution in India, big statement by Jairam Ramesh

नई दिल्ली, 30 अक्तूबर 2024. वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर चिंता जताते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट साझा की है।

वायु प्रदूषण के कारण भारत में 16 लाख मौतें: नई रिपोर्ट का खुलासा

जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा कि 'द लैंसेट काउंटडाउन ऑन हेल्थ एंड क्लाइमेट चेंज' की नई रिपोर्ट में भारत में वायु प्रदूषण से जुड़ी कुछ चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में भारत में वायु प्रदूषण के कारण 16 लाख मौतें हुईं, जिनमें से 38 प्रतिशत मौतों के पीछे कोयला और जीवाश्म ईंधनों का सीधा हाथ था।

दिल्ली का प्रदूषण स्तर और बढ़ते खतरे

रमेश ने बताया कि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2022 में भारत का वैश्विक PM2.5 उत्सर्जन में उपभोग-आधारित 15.8% और उत्पादन-आधारित 16.9% योगदान था। ये PM2.5 कण फेफड़ों में सीधे प्रवेश कर सकते हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

पराली जलाने में 51% की कमी, फिर भी प्रदूषण का स्तर ऊंचा क्यों?

जयराम रमेश ने 16 अक्टूबर से 22 अक्टूबर, 2024 के बीच दिल्ली के PM2.5 स्तर में 104 µg/m³ से बढ़कर 168 µg/m³ तक की बढ़ोतरी को चिंताजनक बताया। हालांकि, नासा के VIIRS आंकड़ों के अनुसार, पराली जलाना—जो लंबे समय से प्रदूषण का मुख्य कारण माना जाता रहा है—2018 से लेकर अक्टूबर 2024 तक 51% तक कम हुआ है। इसके बावजूद, IITM के अनुसार, इस वर्ष 12 से 21 अक्टूबर के बीच, दिल्ली के PM2.5 स्तर में पराली जलाने की हिस्सेदारी मात्र 0.92% रही।

दिल्ली में PM2.5 का स्तर खतरनाक: वाहनों का बड़ा योगदान | वाहन प्रदूषण और नीतिगत सुधारों की ज़रूरत

जयराम रमेश ने कहा कि दिल्ली के PM2.5 प्रदूषण में आधे से ज्यादा योगदान वाहनों का है। उन्होंने यह भी कहा कि पराली जलाने पर रोक लगाना वायु प्रदूषण की समस्या का समाधान नहीं हो सकता। देश को नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहनों, और सार्वजनिक परिवहन में बड़े सुधारों की आवश्यकता है।

वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की समीक्षा की मांग

जयराम रमेश ने वायु प्रदूषण के खतरनाक प्रभावों को देखते हुए वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 पर दोबारा अमल करने और राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानक, 2009 की समीक्षा की भी मांग की है।

भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है वायु प्रदूषण

अंत में उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक है, और इसे प्रमुख प्रशासनिक प्राथमिकताओं में शामिल करना जरूरी है।

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