भीमा-कोरेगांव केस : बहुमत से विपरीत जस्टिस चंद्रचूड ने पुणे पुलिस पर की सख्त टिप्पणी
भीमा-कोरेगांव केस : बहुमत से विपरीत जस्टिस चंद्रचूड ने पुणे पुलिस पर की सख्त टिप्पणी

Bhima-Koregaon Case: Contrary to the majority, Justice Chandrachud made strong remarks on Pune Police
Activists Arrests SC Says Will Not Constitute SIT Justice Chandrachud Dissents
Justice Dhananjaya Yeshwant Chandrachud on Bhima Koregaon case
नई दिल्ली, 28 सितंबर। भीमा-कोरेगांव केस में सर्वोच्च न्यायालय के तीन जजों की पीठ के फैसले से बहुमत से विपरीत पक्ष सुनाते हुए जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड, ने पुणे पुलिस पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ये अदालत की निगरानी में एसआईटी से जांच कराए जाने के लिए फिट केस है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिस चंद्रचूड ने कहा, पांच नागरिकों ने असाधारण तरीके से याचिका दाखिल की। सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई के दो घंटे बाद ही पुलिस अफसर मीडिया के सामने आ गए, सुधा भारद्वाज के खत को टीवी पर सनसनीखेज़ तरीके से दिखाया गया.।
बहुमत से विपरीत पक्ष सुनाते हुए जस्टिस चंद्रचूड ने कहा, गिरफ्तार आरोपियों का नक्सलियों से कोई लिंक नहीं पाया गया। किसी अनुमान के आधार पर आज़ादी का हनन नहीं किया जा सकता। कोर्ट को इसे लेकर सावधान रहना चाहिए। पुणे पुलिस का बर्ताव इस मामले में सही नहीं रहा है।
जस्टिस चंद्रचूड ने कहा, पुलिस कार्रवाई पर संदेह के बादल हैं। पुलिस मीडिया ट्रायल में मदद कर रही है।
जस्टिस चंद्रचूड ने कहा, 14 सितंबर को ही इस अदालत ने एक व्यक्ति को 50 लाख रुपये का मुआवज़ा देने के आदेश दिए, जिसे 25 साल पहले फंसाया गया था। यह अदालत की निगरानी में एसआईटी से जांच कराए जाने के लिए फिट केस है।
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