मज़दूर आन्दोलन के दमन और मज़दूर हितों पर बढ़ते हमलों के विरोध में प्रदर्शन
मज़दूर आन्दोलन के दमन और मज़दूर हितों पर बढ़ते हमलों के विरोध में प्रदर्शन
लखनऊ, 6 जुलाई। दिल्ली के वज़ीरपुर में एक महीने से जारी स्टील मज़दूरों के आन्दोलन को कुचलने के प्रयासों तथा देशभर में मज़दूरों-कर्मचारियों के अधिकारों पर बढ़ते हमलों के विरोध में आज यहाँ विभिन्न जनसंगठनों ने प्रदर्शन किया।
लगातार होती बारिश के बावजूद जागरूक नागरिक मंच, बिगुल मज़दूर दस्ता, स्त्री मुक्ति लीग, नई दिशा छात्र मंच सहित विभिन्न जनसंगठनों के कार्यकर्ताओं, छात्रों, कर्मचारियों तथा प्रबुद्ध नागरिकों ने आज अपराह्न जीपीओ पार्क में एकत्र होकर अपना विरोध दर्ज कराया तथा बेहद प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद संघर्ष कर रहे मज़दूरों को अपना समर्थन ज़ाहिर किया।
प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए कवयित्री व सामाजिक कार्यकर्ता कात्यायनी ने कहा कि वज़ीरपुर में दो दर्जन गरम रोला कारख़ानों के मज़दूर न्यूनतम मज़दूरी, 8 घंटे काम, ओवरटाइम, ईएसआई, और सुरक्षा इन्तज़ाम जैसे बुनियादी श्रम कानूनों को लागू कराने की जायज़ माँगों को लेकर पिछले 6 जून से हड़ताल पर हैं। तपती भट्ठी के आगे खड़े होकर लोहा गलाने वाले ये मज़दूर स्टील की चादरें बनाते हैं जिनसे फिर अन्य कारख़ानों में स्टील के वे बर्तन बनते हैं जिनमें हम और आप खाना खाते हैं। लेकिन जीने के लिए न्यूनतम हक पाने के लिए भी वे इस भीषण गर्मी में आधा पेट खाकर जूझ रहे हैं क्योंकि मिलमालिकों ने कानूनी समझौते को लागू करने से इंकार कर दिया है। अगुआ मज़दूरों तथा उनका साथ दे रही स्त्री कार्यकर्ताओं को उठा लेने तथा तेजाब फेंकने की धमकियां दी जा रही हैं।
जागरूक नागरिक मंच के सत्यम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद को मज़दूर बताते हैं लेकिन राजधानी में एक महीने से इंसाफ मांग रहे मज़दूरों की आवाज़ उन्हें सुनाई नहीं देती। दरअसल ‘‘अच्छे दिन’’ पूंजीपतियों और व्यापारियों के लिए ही आये हैं। गरीबों और मेहनतकशों को केवल ‘‘कड़े कदम’’ का तोहफा दिया जा रहा है। देशभर में मज़दूरों-कर्मचारियों के अधिकारों पर बड़े हमले की तैयारी चल रही है। राजस्थान सरकार ने मज़दूरों को मनमाने ढंग से निकालने, छँटनी करने, यूनियन बनाने आदि के मामले में पूँजीपतियों के पक्ष में कानून बदलकर इसकी शुरुआत कर दी है।
बिगुल मज़दूर दस्ता के लालचंद्र ने कहा कि अगर पैसे की ताकत, पुलिस-प्रशासन और गुण्डों के दम पर वजीरपुर के मज़दूरों को उनके जायज़ हकों से वंचित करने में मालिक कामयाब रहते हैं, तो यह जन अधिकारों के लिए लड़ने वाले तमाम लोगों की हार होगी। इस मुद्दे को लेकर विभिन्न जनसंगठन कल से लखनऊ के औद्योगिक इलाकों तथा मेहनतकशों की बस्तियों में पर्चा वितरण तथा नुक्कड़ सभाएं भी शुरू करेंगे।
स्त्री मुक्ति लीग की गीतिका ने सभी इंसाफपसंद लोगों तथा संगठनों से इस आन्दोलन के समर्थन में दिल्ली के उपराज्यपाल, पुलिस कमिश्नर तथा श्रम आयुक्त को फोन, ईमेल एवं फैक्स से पत्र एवं ज्ञापन भेजने की अपील की। उन्होंने कहा कि देशभर से तथा विदेशों से भी अनेक संगठन और प्रबुद्ध नागरिक इस मुहिम में साथ आये हैं।
विज्ञप्ति


