मड़कम हिडमे की मौत की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच हो : माकपा
मड़कम हिडमे की मौत की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच हो : माकपा
रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बस्तर के सुकमा जिले के गोमपाड़ गांव की युवती मडकम हिडमे को 'माओवादी' बताकर कथित मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है.
पार्टी ने इस घटना की निष्पक्ष जांच के लिए संबंधित सभी पुलिस अधिकारियों व आरोपी जवानों को तुरंत निलंबित करने और एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की है.
आज यहां जारी एक बयान में माकपा के राज्य सचिव संजय पराते ने कहा कि प्राप्त जानकारियों के अनुसार सुरक्षा बलों द्वारा युवती को घर से उठाकर ले जाया गया, बलात्कार किया गया तथा बाद में नक्सली वर्दी पहनाकर फर्जी मुठभेड़ में मार दिया गया है. पुलिस ने जो तस्वीर जारी की है, वह भी अनेक संदेहों को जन्म देती है तथा घटना की छानबीन के लिए सामजिक-राजनैतिक कार्यकर्ताओं को गांव में न जाने देने से पुलिस पर लगे आरोपों की ही पुष्टि होती है.
माकपा नेता ने कहा कि इस निंदाजनक वारदात के बाद एक बार फिर वामपंथी पार्टियों व जेएनयू-डीयू प्रतिनिधिमंडल के इस निष्कर्ष की ही पुष्टि होती है कि बस्तर में माओवाद से निपटने के नाम पर लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कुचलकर 'पुलिस राज' कायम कर दिया गया है तथा राजकीय संस्थाएं आदिवासियों के दमन में लगी हुई हैं.
पार्टी ने कहा है कि राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और मानवाधिकार आयोग ने गांवों में पुलिस गश्त के लिए जो सुझाव दिए थे, उसका सरासर उल्लंघन किया जा रहा है. ऐसा लगता है कि इन संवैधानिक संस्थाओं के सुझावों का भाजपा सरकार के पास कोई मूल्य ही नहीं है.


