महान अक्टूबर समाजवादी क्रान्ति के 100वें वर्ष को समर्पित सेमिनार का आयोजन

‘महान अक्टूबर समाजवादी क्रान्ति व आज का समय’ विषय पर हुई विचार-चर्चा

लुधियाना,17 जनवरी। रूस की महान अक्‍टूबर क्रान्ति के 100 वें वर्ष के अवसर पर पिछले 15 जनवरी को लुधियाना में पंजाबी भवन, लुधियाना में मार्क्सवादी स्टडी सर्किल द्वारा ‘महान अक्टूबर समाजवादी क्रान्ति व आज का समय’ विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।

मार्क्सवादी लेखक, राजनीतिक कार्यकर्ता व अंग्रेजी मार्क्सवादी पत्रिका ‘द एनविल’ के सम्पादक शशि प्रकाश सेमिनार के मुख्य वक्ता थे।

सेमिनार की शुरुआत क्रान्तिकारी सांस्कृतिक मंच, दस्तक द्वारा पेश क्रान्तिकारी गीतों से हुई।

मंच संचालन मार्क्सवादी स्टडी सर्किल की ओर से सुखविन्दर ने किया।

मुख्य वक्ता शशि प्रकाश ने विषय पर बात रखते हुए कहा कि रूस में 25 अक्टूबर 1917 को होने वाली मज़दूर क्रान्ति दुनिया की तब तक की सबसे महान घटना थी। यह पहला मौका था जब राज्यसत्ता किसी शोषक वर्ग के हाथों से निकलकर शोषित-उत्पीड़ित वर्ग के कब्ज़े में आ गयी। यह सचेतन तौर पर की जाने वाली दुनिया की सबसे पहले क्रान्ति थी जिसका मकसद था इन्सान के हाथों इन्सान की हर तरह की लूट का ख़ात्मा करना। इस क्रान्ति ने सम्पत्तिवान वर्गों का तख्ता पलट दिया। इस क्रान्ति ने दिखा दिया कि अगर समाज का नियन्त्रण मज़दूर वर्ग के हाथों में आ जाये तो मेहनतकश वर्गों की चेतना, संस्कृति, शिक्षा के साथ-साथ विज्ञान, तकनीकी और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास किया जा सकता है। यह एक युगप्रवर्तक घटना थी जिसके बाद मज़दूर क्रान्तियों के युग की शुरुआत हुई। महान अक्टूबर क्रान्ति आज भी हमें प्रेरणा दे रही है और उसकी शिक्षाएँ हमारा मार्गदर्शन कर रही हैं। महान अक्टूबर समाजवादी क्रान्ति के सबकों को आत्मसात किए बिना क्रान्तिकारी आन्दोलन को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बीते समय की क्रान्तियों से सीखने का मतलब उनकी नकल करना नहीं है। नकल करने की कोशिश बेहद नुकसानदेह साबित होती है। उन्होंने कहा कि मौजूदा विश्व पूँजीवादी व्यवस्था के अन्तरविरोध समाजवादी क्रान्तियों के नए संस्करणों का निर्माण करेंगी। अक्टूबर क्रान्ति की शिक्षाओं को व्यापक जनता तक पहुँचाना क्रान्तिकारी आन्दोलन का एक अहम कार्यभार है।

उनके अलावा प्रो. जगमोहन, सुखदेव भुदडी, जगसीर सिंह, डा. जगजीत चीमा, जरनैल सिंह, रवि कुमार, मास्टर दविन्दर, जगसीर जीदा, गुरप्रीत, वरूण आदि ने भी बात रखी।