रायपुर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भाजपा राज्य सरकार द्वारा बिजली दरों में वृद्धि का प्रस्ताव की कड़ी निंदा करते हुए बिजली कंपनियों के घपले-घोटालों की जांच 'कैग' से कराने की मांग की है।
आज यहां जारी एक बयान में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि बिजली कम्पनियां घपले-घोटाले करें, पूंजीपतियों व सरकारी विभागों से सैकड़ों करोड़ रुपयों के बिल न वसूलें, और इससे होने वाले नुक्सान को घाटे की भरपाई के नाम पर आम जनता के सिर पर लाड दिया जाएं, यह पार्टी को कतई स्वीकार नहीं हैं। 'कैग' ने भी इस वर्ष जारी अपनी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि किस प्रकार विद्युत वितरण और ट्रेडिंग कम्पनियां निजी बिजली उत्पादकों को करोड़ों रुपयों का अनुचित लाभ पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि ओड़िशा में विपक्षी भाजपा बिजली दरों में बढ़ोतरी के खिलाफ आन्दोलन कर रही है, वाही छत्तीसगढ़ में सरकार में रहते हुए बिजली दरों में वृद्धि कर रही है। इससे भाजपा का दोहरा चरित्र स्पष्ट रूप से उजागर हो जाता है.
माकपा नेता ने विद्युत नियामक आयोग से भी मांग की है कि बिजली कंपनियों के 'अतार्किक' प्रस्तावों को खारिज करें, जनसुनवाई पर रस्म-अदायगी न करें, बल्कि हर जिले में जाकर आम जनता की बातों को सुनें। एक आयोग के रूप में उसकी सार्थकता इसी में है।
पराते ने कहा है कि विद्युत क्षेत्र में घपला-घोटालों और आम जनता पर बोझ डाले जाने के प्रस्ताव के खिलाफ माकपा प्रदेशव्यापी जनलामबंदी करेगी।