मायावती को ममता के समर्थन की आस!!
मायावती को ममता के समर्थन की आस!!
रीता तिवारी
कोलकाता। बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती को शायद लोकसभा चुनावों के बाद तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के समर्थन की उम्मीद है। यही वजह है कि कोलकाता में अपने पहले चुनावी दौरे पर आईं मायावती ने कांग्रेस और भाजपा की तो जमकर धुलाई की लेकिन ममता के प्रति उनका सुर नरम रहा। ममता भी पहले कह चुकी हैं कि उनको तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता और बसपा प्रमुख मायावती के साथ काम करने में कोई दिक्कत नहीं है।
पिछले पांच वर्षों के दौरान तीसरी बार कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने राज्य की वाममोर्चा और तृणमूल कांग्रेस सरकारों पर मामूली टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि वाममोर्चा यहां दलितों के उत्थान में नाकाम रहा है। नई सरकार भी उससे अलग नहीं है। राज्य सरकारें माओवाद पर अंकुश नहीं लगा सकी हैं। नतीजतन जान-माल का भारी नुकसान हुआ है।
पिछले लोकसभा चुनावों की तरह इस बार भी बसपा ने राज्य की सभी 42 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। अपने पूरे भाषण में मायावती कांग्रेस, भाजपा और नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगलती रही। लेकिन ममता के खिलाफ उन्होंने कोई कटु टिप्पणी नहीं की। उन्होंने गोधरा का जिक्र करते हुए कहा कि उन दंगो के लिए जिम्मेदार व्यक्ति अब प्रधानमंत्री बनने की होड़ में है। माया ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर देश में सांप्रदायिक हिंसा का खतरा हमेशा बना रहेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार चुना है। नरेंद्र कौन हैं? मोदी वही आदमी हैं जिन पर 2002 में गोधरा दंगे के दौरान चुप्पी साधे रहने का आरोप लगा है। अगर वह प्रधानमंत्री बनते हैं तो देश में हमेशा सांप्रदायिक हिंसा का खतरा बना रहेगा। प्रधानमंत्री बनने की अपनी महत्वाकांक्षा का संकेत देते हुए उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र में सरकार बनने पर भ्रष्टाचार का खात्मा किया जाएगा और विकास को पटरी पर लाया जाएगा।
सुश्री मायावती ने कहा कि मोदी ने अपने कई भाषणों में फर्जी वादे किए हैं कि वह देश को विकास के पथ पर वापस लाएंगे, लेकिन 1998-2004 के राजग सरकार के दौरान वे क्या कर रहे थे?
मायावती ने संप्रग सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधा। उन्होंने युवराज को सिर पर बिठाने और आम लोगों से हवाई वादे करने के लिए कांग्रेस की भी आलोचना की। मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा अपने घोषणापत्रों के जरिए लोगों को बेवकूफ बना रही हैं। उन्होंने कहा कि इन घोषणापत्रों के आधे वादों पर भी अमल नहीं किया जाता। बसपा वादों में नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने में भरोसा रखती है। उहोंने अल्पसंख्यकों और गरीबों के साथ ऊंचे तबके के बेरोजगार लोगों को भी आरक्षण दिए जाने की मांग की।
जनादेश न्यूज़ नेटवर्क


