मारुति उद्योग के आन्दोलन को विभिन्न मज़दूर संगठनों का समर्थन
मारुति उद्योग के आन्दोलन को विभिन्न मज़दूर संगठनों का समर्थन
मैनेजमेंट और हरियाणा सरकार के दमनकारी कदमों की कड़ी निन्दा
नई दिल्ली। बिगुल मज़दूर दस्ता, दिल्ली मेट्रो कामगार यूनियन और संयुक्त मज़दूर अधिकार संघर्ष मोर्चा ने मानेसर स्थित मारुति उद्योग के कारखाने में जारी मज़दूर आन्दोलन को समर्थन देते हुए मारुति उद्योग के मैनेजमेंट और हरियाणा सरकार द्वारा हड़ताल के दमन के लिए उठाये गये कदमों की कड़ी निन्दा की है। हरियाणा सरकार ने खुलेआम मैनेजमेंट का पक्ष लेते हुए हड़ताल को गैरकानूनी घोषित कर दिया है।
इस मामले में गैरकानूनी हरकत वास्तव में मारुति उद्योग और हरियाणा सरकार द्वारा की जा रही है जो अपनी यूनियन बनाने के मज़दूरों के कानूनी अधिकार को मानने से इंकार कर रहे हैं। मज़दूरों द्वारा यूनियन के पंजीकरण के लिए चंडीगढ़ में श्रम आयुक्त के कार्यालय में दिये गये आवेदन को विभाग के अधिकारियों द्वारा जिस तरह तत्काल मारुति के मैनेजमेंट को फैक्स से भेजा गया वह श्रम विभाग और मैनेजमेंट की मिलीभगत का सबूत है। इसी के बाद मैनेजमेंट ने मज़दूरों से जबरन सादे कागज़ पर हस्ताक्षर कराने शुरू किये जिसके विरोध में मज़दूरों को हड़ताल का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। बिगुल मज़दूर दस्ता, दिल्ली मेट्रो कामगार यूनियन और संयुक्त मज़दूर अधिकार संघर्ष मोर्चा ने ऐसा करने वाले हरियाणा के श्रम विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।
बिगुल मज़दूर दस्ता की एक टीम ने दो बार मानेसर जाकर आन्दोलनकारी मज़दूरों से मिलने का प्रयास किया लेकिन पुलिस और सिक्योरिटी गार्डों ने उन्हें फैक्ट्री गेट से 100-150 मीटर दूर ही रोक दिया। टीम ने बाहर मौजूद कुछ मजदूरों और कुछ मजदूरों के परिजनों से मिलकर बात की। पिछले दो दिनों से प्रशासन ने विभिन्न मज़दूर संगठनों ही नहीं मीडिया के लोगों और परिजनों तक को मज़दूरों से बात करने पर रोक लगा दी है।
मैनजमेंट ने प्रशासन की सहायता से मजदूरों को कम्पनी के गेट के अन्दर कैदियों की तरह बंद कर रखा है, और उनका मनोबल तोड़ने के लिए फैक्ट्री के अन्दर बिजली, पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधायें भी नहीं दी जा रही हैं। कैन्टीन बन्द कर दी गयी है और बाहर से खाना पहुँचाने वाले परिजनों को भी परेशान किया तथा धमकाया जा रहा है। सभी मजदूर पिछले नौ दिनों से एक ही जोड़े कपड़ों में बैठे हुए हैं। कम से कम दो मजदूरों की हालत गम्भीर हो गयी थी और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अगर अन्दर से कोई मजदूर अपने किसी परिजन से मिलने के लिए बाहर आता है तो उसे गेट से ही बाहर धक्का देकर गेट बन्द कर दिया जाता है तथा उसे फिर से अपने साथी मजदूरों के पास अन्दर नहीं आने दिया जाता।
गौरतलब है कि ये मजदूर मैनेजमेंट द्वारा समर्थित मारुति सुजुकी कामगार यूनियन से अलग अपनी नयी यूनियन बनाने की माँग को लेकर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल को मानेसर स्थित कारखाने के सभी मज़दूरों का समर्थन प्राप्त है जिसमें कैजुअल एवं स्थायी दोनों तरह के मजदूर शामिल हैं। मज़दूरों ने अपनी नयी यूनियन के पंजीकरण से सम्बन्धित दस्तावेज चंडीगढ़ के श्रमायुक्त को सौंप दिए हैं पर श्रमायुक्त ने अपने कर्तव्य के विपरीत काम करते हुए मजदूरों द्वारा दिया गया पत्र उसी समय मानेसर स्थित मैनजमेंट को फैक्स करवा दिया, जिस कारण मैनजमेंट ने तुरंत हरकत में आते हुए मज़दूरों को खाली कागज पर हस्ताक्षर करने पर बाध्य करना शुरू कर दिया। मज़दूरों के तीखे विरोध के बाद ही मैनेजमेंट ने हस्ताक्षर किए गए कुछ काग़ज़ों को वापिस लौटाया है, जबकि बाकी के कागज अभी मैनेजमेंट के पास हैं।
मज़दूरों का कहना है कि पुरानी यूनियन पूरी तरह से मैनेजमेंट के प्रभाव में है और मानेसर प्लांट के मज़दूरों की माँगों पर बिल्कुल ध्यान नहीं देती। गुड़गांव प्लांट में कुशल मज़दूरों का वेतन ओवरटाइम और इन्सेंटिव सहित करीब 30,000 रुपये महीने बन जाता है जबकि मानेसर में कुशल मज़दूरों को 12,000 रुपये मिलते हैं और ओवरटाइम करके भी 16,000 से अधिक नहीं मिल पाते। उन्हें इन्सेंटिव आदि भी नहीं मिलते। इस प्लांट में 700 ठेका मजदूर हैं जिन्हें बमुश्किल 6000 रुपये या उससे भी कम मिलते हैं और काम पूरा करना पड़ता है। मज़दूरों पर काम का दबाव बहुत अधिक रहता है और कभी-कभी तो 16 घंटे तक लगातार काम करना पड़ता है। छुट्टी बहुत मुश्किल से मिलती है और शिफ्ट में जरा भी देर होने पर अनुपस्थित घोषित कर भारी जुर्माना काट लिया जाता है। लंच और चाय के लिए दो बार सिर्फ साढ़े सात मिनट के ब्रेक मिलते हैं, बीच में टॉयलेट तक के लिए जाने की इजाजत नहीं होती। ओवरटाइम न करने को लेकर मज़दूरों को गाली-गलौज का सामना करना पड़ता है। इसीलिए मानेसर के मजदूर अपनी अलग यूनियन बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।
- रूपेश कुमार, बिगुल मज़दूर दस्ता, बादली, दिल्ली
फोनः 9213639072, ईमेलः [email protected]
- अजय स्वामी, दिल्ली मेट्रो कामगार यूनियन
फोनः 9540436262, ईमेलः [email protected]
- तपीश मैन्दोला, संयुक्त मज़दूर संघर्ष मोर्चा, गोरखपुर
फोनः 9451957218, ईमेलः [email protected]


