मुख्यमंत्री आ रही हैं पीठ सड़क की तरफ करो- हर समस्या का समाधान लाठी चार्ज
मुख्यमंत्री आ रही हैं पीठ सड़क की तरफ करो- हर समस्या का समाधान लाठी चार्ज
रणधीर सिंह सुमन
अधिवक्ताओं की पिटाई
उत्तर प्रदेश में लोकतान्त्रिक अधिकारों का हनन होता रहता है और विभिन्न समूहों द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर राजधानी लखनऊ में हो रहे प्रदर्शनों का उत्तर प्रदेश सरकार ने एक मात्र इलाज लाठी चार्ज कर रखा है। अधिवक्ताओं पर बर्बर लाठी चार्ज के बाद 28 फरवरी को बीएड, बी.पीएड व प्रशिक्षित स्नातकों पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया। इससे पूर्व शहीद स्मारक पर नवजवानों के ऊपर लाठी चार्ज किया गया। नवजवान नदी में कूद गए थे। फिर हजरतगंज में मदरसा अध्यापकों के ऊपर पुलिस से बर्बर लाठी चार्ज किया औरतों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया।
अधिवक्ताओं पर चार्ज के बाद राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में हड़ताल जारी हैं। न्यायिक प्रक्रिया ठप्प है। कोई भी नेता या अफसर जनता की समस्याओं का समाधान करने के लिए तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री मायावती औचक निरिक्षण में व्यस्त हैं। मुख्यमंत्री के औचक निरिक्षण में मुख्यमंत्री से सम्बद्ध अधिकारीयों द्वारा कर्फ्यू लगा दिया जाता है। लोगों को घरों में कैद कर दिया जाता है। जिस मोहल्ले में औचक निरिक्षण होता है वहां महिला सिपाही घर में बैठा दी जाती हैं। नेशनल हाई वे का ट्राफिक रोक दिया जाता है, गंभीर मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है। जिससे मरीज मर जाते हैं। मुख्यमंत्री के निकलने के समय पुलिस अधिकारीयों का यह सख्त आदेश जनता को रहता है कि वह चुतड सड़क साइड में कर के खड़ा हो।


