मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा पीड़ितों की अवाज दबाना चाहती है सरकार- रिहाई मंच
मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा पीड़ितों की अवाज दबाना चाहती है सरकार- रिहाई मंच
संगीत सिंह सोम जैसे दंगाइयों पर से रासुका हटाना
सरकार की सांप्रदायिक मानसिकता को दर्शाता है- रिहाई मंच
मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा पीड़ितों की
जनसुनवाई में पहुंचे इंसाफ पसन्द अवाम- रिहाई मंच
लखनऊ 8 नवंबर 2013। रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुऐब ने कहा कि कल 9 नवंबर को कैसर बाग स्थित जयशंकर प्रसाद हाल लखनऊ में रिहाई मंच के तत्वावधान में मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा पीड़ितों के सवाल पर आयोजित जनसुनवाई कार्यक्रम को अखिलेश सरकार के इशारे पर खुफिया एजेंसियों व स्थानीय प्रशासन द्वारा रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन मुजफ्फरनगर से सैकड़ों साप्रदायिक हिंसा पीड़ित इंसाफ के लिए प्रदेश की राजधानी में डेरा डाल चुके हैं। रिहाई मंच इंसाफ के सवाल पर आयोजित मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा से पीड़ितों की जनसुनवाई व सपा राज में सांप्रदायिक दंगे- गुनहगार कौन ? सम्मेलन को तय समय पर तय जगह पर करने के लिए प्रतिबद्ध है।
रिहाई मंच इलाहाबाद प्रभारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह और आजमगढ़ प्रभारी मसीहुद्दीन संजरी ने कहा कि सूबे की सपा सरकार मुजफ्फरनगर सांप्रदायिक हिंसा पीड़ित मुस्लिम परिवारों के साथ साप्रदायिक राजनीति का घिनौना खेल-खेल रही है। एक तरफ दो महीने बीत जाने के बाद भी मुस्लिम महिलाओं के साथ बलात्कार व हत्या की घटनाएं लगातार जारी हैं, जिसको रोकने में सरकार नाकाम साबित हुई है, और जिस तरीके से मुजफ्फर नगर से आई हुई हमारी माताओं, बहनों व भाईयों की आवाज को दबाने का काम सपा सरकार करने की कोशिश कर रही है उसे यह बात साफ हो गई है कि सरकार का लोकतंत्र पर कोई विश्वास नहीं है और व सांप्रदायिक फासीवादी रास्ते की तरफ बढ़ रही है। पर सरकार को इस बात का खयाल रखना चाहिए की अवाम ने हर वक्त इंसाफ की लड़ाई के लिए लंबे सघर्ष किए हैं और इसी लखनऊ में इसी सरकार के खिलाफ मौलाना खालिद के इंसाफ के लिए 121 दिन का धरना देकर निमेष कमीशन को विधाानसभा में रखने को मजबूर किया और अब हम सबने ठाना है कि जब तक मुजफ्फरनगर के भाईयों व बहनों को इंसाफ नहीं मिल जाता तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
रिहाई मंच के प्रवक्ताओं शाहनवाज आलम व राजीव यादव ने कहा कि जिस तरीके से मुजफ्फरनगर के सांप्रदायिक हिंसा को भड़काने वाले भाजपा नेता सुरेश राणा व संगीत सोम पर से रासुका हटाया गया और पिछले दिनों जिस तरीके से हत्याआरोपियों को जमानत मिल रही है उससे साफ हो गया है कि सरकार का कानूनी पक्ष कितनी लचर पैरवी कर रहा है। जबकि तमाम भाजपा नेताओं के खिलाफ वीडियो सबूत होने के बाद भी अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया। ऐसे में रिहाई मंच तमाम लोकतांत्रिक अमन पंसद अवाम व शहर के बुद्धिजीवियों से अपील करते हैं कि कल सुबह 10 बजे बरादरी के पीछे राय उमानाथ बलि हाल में स्थित जय शंकर प्रसाद हाल में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर मुजफ्फरनगर से आए सांप्रदायिक हिंसा पीड़ितों के साथ मिलकर इंसाफ की लड़ाई को आगे बढ़ाएं।


