मुलायम की गल्ती नहीं दोहराएंगे “समाजवादी औरंगज़ेब” : देखते रह गए धर्मेंद्र यादव, नरेश उत्तम को दे दी कमान

लखनऊ, 01जनवरी। “समाजवादी औरंगज़ेब” अपने पिता की गल्तियां दोहराने के मूड में कतई नहीं देते, इसीलिए समाजवादी पार्टी के रामगोपाल धड़े की कमान अपने हाथ में आते ही उन्होंने सैफई राजवंश के दूसरे युवराज धर्मेंद्र यादव को सूबे के संगठन की कमान न देकर नरेश उत्तम को कमान सौंप दी है।

रविवार को लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में पार्टी के निष्कासित महासचिव रामगोपाल ने अधिवेशन बुलाया था। इसमें तीन प्रस्ताव पास किए गए। शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया गया। अमर सिंह को पार्टी से बाहर किया गया और अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया।

बाद में अखिलेश ने एमएलसी नरेश उत्तम को शिवपाल की जगह प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। हालांकि, मुलायम ने अखिलेश के अधिवेशन को खारिज कर 5 जनवरी को दोबारा अधिवेशन बुलाया है।

सोशल मीडिया पर धर्मेंद्र यादव के समर्थक ऊधम मचा रहे थे कि अब सूबे की पार्टी की कमान धर्मेंद्र यादव को सौंपी जाएगी, लेकिन अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह की गल्तियों से सबक लेते हुए सूबे की पार्टी की कमान नरेश उत्तम को सौंप दी।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर मुलायम सिंह ने सैफई राजवंश को राजनीतिक ताकत न दी होती तो आज बुढ़ापे में उन्हें ये दिन न देखने पड़ते।

इससे पहले, रामगोपाल यादव द्वारा आज लखनऊ में बुलाई गई विशेष राष्‍ट्रीय अधिवेशन को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने असंवैधानिक करार दिया है। उनके मुताबिक रामगोपाल इस तरह की बैठक को बुलाने के लिए अधिकृत नहीं हैं। इसलिए रामगोपाल को एक बार फिर से पार्टी से बाहर का रास्‍ता दिखा दिया गया है।

इससे पहले शुक्रवार को भी रामगोपाल और अखिलेश यादव को छह साल के लिए पार्टी से बाहर कर दिया गया था लेकिन शनिवार को सुलह के तहत उनकी वापसी हो गई थी।

अब फिर मुलायम सिंह ने कहा है कि रामगोपाल की बर्खास्‍तगी बरकरार रहेगी।

मुलायम सिंह ने कार्यकर्ताओं को लिखे खत में यह भी कहा कि आज का राष्‍ट्रीय अधिवेशन अवैध है और अब वह पार्टी प्रमुख की हैसियत से पांच जनवरी को राष्‍ट्रीय अधिवेशन बुलाने जा रहे हैं।

इससे पहले उन्‍होंने आज सुबह एक खत जारी किया जिसके मुताबिक रामगोपाल यादव इस तरह की बैठक बुलाए जाने के लिए अधिकृत नहीं हैं। मुलायम ने चेतावनी देने के अंदाज में कहा कि जो लोग भी इस बैठक में हिस्‍सा लेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

हालांकि इस चेतावनी के बावजूद भारी संख्‍या में कार्यकर्ता पहुंचे और विशेष अधिवेशन में मौजूद पार्टी नेताओं ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष मान लिया। साथ ही पार्टी के उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष शिवपाल यादव को पद से हटा दिया गया है और पार्टी महासचिव अमर सिंह को भी पार्टी ने निकालने का प्रस्ताव पास कर दिया है।

इससे पहले पार्टी के लोगों को संबोधित करते हुए महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि पूरा देश यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की तारीफ कर रहा है। ऐसे में भी इनकी कोई बात नहीं मानी गई।

उन्होंने कहा कि तब पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपील की कि राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया जाए। यही वजह है कि पार्टी का आपातकालीन राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया है। रामगोपाल यादव ने कहा दो लोगों ने पार्टी को खत्म करने की साजिश की। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में पहला प्रस्ताव सर्वसम्मति से यूपी के मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का है और उन्हें यह अधिकार देना है कि वह समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को जरूरत के हिसाब से गठित करें।

दूसरे प्रस्‍ताव के तहत शिवपाल यादव को प्रदेश अध्‍यक्ष से हटाने और अमर सिंह को पार्टी से बाहर करने का पेश किया गया। सर्वसम्‍मति से इस प्रस्‍ताव को पास भी कर दिया गया।