नई दिल्ली। नेशनल पैंथर्स पार्टी के मुख्य संरक्षक और भारत में गुटनिरपेक्ष आंदोलन के संयोजक प्रो. भीमसिंह ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से यह सवाल किया है कि क्या भाजपा नेतृत्व ने गुटनिरपेक्ष और निरस्त्रीकरण नीति से अपने आप को अलग कर लिया है। भारत ने 26 जनवरी 1950 से ही जब भारतीय संविधान बना था, अपनी विदेश नीति, गुटनिरपेक्ष और निरस्त्रीकरण के मूल सिद्धांतों का पालन किया है।

प्रो. भीमसिंह ने यह भी सवाल किया कि क्या भारत के प्रधानमंत्री की 35 मिनट की अमेरिकी राष्ट्रपति श्री डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद जो वक्तव्य प्रधानमंत्री ने दिया है, उस पर कई सवाल उठ खड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा कि क्या आज की भारत सरकार ने गुटनिरपेक्ष नीति को दरिया में डाल दिया है। क्या भारत ने अपनी निरस्त्रीकरण नीति को, जिसका भारत एक मजबूत समर्थक रहा है और जिस नीति की वजह से भारत अमेरिका या कक्युनिस्ट देशों के गुटों में शामिल नहीं हुआ था और भारत ने पूरे विश्व की गुटनिरपेक्ष देशों का नेतृत्व किया था। क्या आज भारत अमेरिका के गठबंधन में अमेरिका की परमाणु नीति के चंगुल में फंस चुका है। क्या भारत की फिलस्तीनवादी नीति का भी त्याग कर दिया है, जिस पर भारत फिलस्तीन की सार्वभौमिकता का समर्थक रहा है। क्या आज भारत के प्रधानमंत्री इजरायल जाकर भारत की फिलस्तीन समर्थित नीति को जार्डन के दरिया में डुबो देगा। क्या मोदी सरकार भारत की 60 वर्ष की विश्व में जागृत गुटनिरपेक्ष नीतियों को कुएं में फेंक देगा।

प्रो. भीमसिंह ने यह प्रश्न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी से नहीं पूछे हैं, बल्कि यह प्रश्न भारत के तमाम राजनीतिक दलों से पूछे हैं। क्या भारत के लोग अब मोदी जी के घोड़े पर चढ़कर अमाजॉन में कूद जाएंगे।

प्रो. भीमसिंह ने कहा कि मोदी-ट्रंप की 35 मिनट की बातचीत को पूरे भारत के लोगों के सामने लाना होगा ताकि भारत के लोग खुद फैसला कर सकें कि ठीक कौन है और गलत कौन। हमारा उद्देश है कि भारत की एकता, अखंडता और विश्व शांति के लिए पूरा जोरदार आह्वान।

प्रो. भीमसिंह ने भारत के प्रधानमंत्री को याद दिलाया कि भारत नई दिल्ली से अहमदाबाद (गुजरात) तक सीमित नहीं है लेकिन भारत पूरी दुनिया के शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को पूरा करने के लिए विश्व में एक अहम भूमिका निभा रहा है।