पोस्टरों में अटल-आडवाणी से बड़ा कद मोदी का, दिग्गज नेता गोल
गुटबंदी से लटक सकता है पाल का रास्ता
अंबरीश कुमार
लखनऊ, 27फरवरी। मोदी की रैली से पहले उत्तर प्रदेश भाजपा में मार हो गई है। रोचक यह है कि इस समय प्रदेश भाजपा अब अपनी ही पार्टी से लड़ रही है जिसका नतीजा मोदी की रैली से पहले दिखने लगा है। रैली के बस अड्डों पर जो बड़े पोस्टर लगे हैं उसमें प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने अपना कद तो अध्यक्ष राजनाथ सिंह के बराबर कर दिया है, पर प्रदेश के दिग्गज नेताओं का पत्ता गोल कर दिया है।
भाजपा के एक पुराने कार्यकर्त्ता ने आहत होकर कहा, इन पोस्टरों में मोदी का कद तो अटल आडवानी से बड़ा किया ही गया है साथ ही मोदी की रैली के संयोजक आशुतोष टंडन से लेकर विधान मंडल दल के नेता हुकुम सिंह का भी पत्ता काट दिया गया है। बाकि नेताओं की क्या बिसात। जबकि रैली के आमंत्रण पत्र में आडवानी भी गोल थे। यह सब बानगी है उस भाजपा की जो उत्तर प्रदेश में मोदी की लहर ला रही है। और लहर ऐसी कि वरुण, मेनका, राजनाथ से लेकर टंडन तक अपनी सीट छोड़ दूसरी सीट से लड़ने की तैयारी में हैं। मामला जोशी पर उलझा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक अगर वे राज्यसभा चले जाएं तो कलराज मिश्र वाराणसी, नरेंद्र मोदी लखनऊ और टंडन कानपुर चले जाएंगे।
पर मोदी की इस लहर के बावजूद आयातित उम्मीदवार भी ढूँढे जा रहे हैं। कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी के नेताओं पर भी नजर है।
कांग्रेस सांसद जगदंबिका पाल को भाजपा में लाने की कोशिश इसका उदाहरण है। पहले संजय सिंह को लाया जा रहा था पर कांग्रेस ने उन्हें राज्यसभा देकर रोक लिया। अब जगदंबिका पाल का प्रदेश नेतृत्व के साथ संघ परिवार ने विरोध कर दिया है। पाल को राजनाथ सिंह की राजपूत रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है जिसका विरोध हो रहा है। इससे पहले भी राजनाथ ने राजा भैया और संजय सिंह को लेकर कवायद की थी। राजा भैया को मंत्री बनाकर सपा ने रोका तो कांग्रेस ने राज्यसभा भेजकर संजय सिंह को रोका। अब राजनाथ सिंह कांग्रेस के सांसद जगदंबिका पाल को पार्टी में लाना चाहते हैं। पर पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी से पाल का रास्ता रुक सकता है। प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी इसके खिलाफ हैं।
दूसरी तरफ वाजपेयी विरोधी खेमे का आरोप है कि वे विरोधियों का पत्ता साफ़ करने में लगे हैं। पार्टी मुख्यालय पर ही जो पोस्टर लगा है उसमे कल्याण, टंडन, कलराज से लेकर हुकुम सिंह तक गोल हैं। इसे लेकर पार्टी में आक्रोश है। भाजपा के लिए हमेशा ही उत्तर प्रदेश भाजपा की गुटबाजी एक बड़ी समस्या रही है और उससे फिलहाल पार्टी निजात पाती नजर नही आ रही है। ऐसी गुटबाजी में मोदी की लहर कितना असर डालेगी यह तो नतीजे ही बताएँगे।
जनादेश न्यूज़ नेटवर्क
फोटो -साभार www.dailymail.co.uk