म्याँमार में मानवता के विरुद्ध अपराध

नई दिल्ली, 09 अगस्त 2023. म्याँमार के लिए स्वतंत्र जाँच प्रणाली (Independent Investigative Mechanism for Myanmar IIMM) ने देश में सेना और उससे सम्बद्ध मिलिशिया के हाथों, लगातार और धड़ल्ले से युद्धापराध और मानवता के विरुद्ध अपराधों को अंजाम दिए जाने के अकाट्य साक्ष्य उजागर किए हैं।

म्याँमार जाँच प्रणाली ने कल जारी एक प्रेस विज्ञप्ति “War crimes by Myanmar military are more frequent and brazen – Myanmar Mechanism Annual Report” में कहा है, “इन अपराधों में हवाई बमबारी के ज़रिए आम लोगों पर अन्धाधुन्ध हमले किया जाना, आम लोगों और बन्दी बनाए गए लड़ाकों को सरेआम सामूहिक रूप से मृत्युदंड दिया जाना, और नागरिक आबादी के घर व आवासीय इमारतों को बड़े पैमाने पर और इरादतन जलाया जाना शामिल है।

कुछ मामलों में इन अपराधों के परिणामस्वरूप, पूरे गाँव के गाँव ही तबाह हो गए हैं।

म्याँमार स्वतंत्र जाँच प्रणाली के मुखिया निकोलस कौमजियान (Nicholas Koumjian, Head of the Mechanism) का कहना है, “म्याँमार में हर एक जीवन की हानि, बहुत दुखद है, मगर हवाई बमबारी और गाँव के गाँव जला दिए जाने से, सम्पूर्ण समुदायों के लिए जो तबाही मचाई गई है, वो विशेष रूप में हृदय विदारक है।”

निकोलस कौमजियान ने अप्रैल 2023 में, सगाइंग में सेना द्वारा किए गए हवाई हमलों का विशेष रूप से ज़िक्र किया, जिसमें ख़बरों के अनुसार, 155 से अधिक लोग मारे गए थे।

उन्होंने कहा, “हमारे सबूत, देश में युद्धापराधों और मानवता के विरुद्ध अपराधों में बहुत तेज़ वृद्धि की तरफ़ इशारा करते हैं, जिनमें आम लोगों के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर और व्यवस्थागत रूप में हमले शामिल हैं। और हम ऐसे मामलों के दस्तावेज़ तैयार कर रहे हैं जिन्हें, इन अपराधों को अंजाम देने वाले व्यक्तियों को ज़िम्मेदार व जवाबदेह ठहराने के लिए न्यायालयों में प्रयोग किया जा सकता है।”

क्या है सैन्य कमांडरों की ज़िम्मेदारी?

इस जाँच प्रणाली ने ध्यान दिलाते हुए कहा है कि अधीनस्थ लोगों द्वारा अंजाम दिए जाने वाले युद्ध अपराधों की रोकथाम और ज़िम्मेदार व्यक्तियों को दंडित किया जाना, सैन्य कमांडरों की एक ज़िम्मेदारी है। और इस ज़िम्मेदारी को पूरा करने में नाकामी, सैन्य कमांडरों को, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून के तहत, ज़िम्मेदार या अपराधी साबित कर सकती है।

इस जाँच आयोग ने कहा है, “इस तरह के अपराधों की बार-बार अनदेखी किए जाने से ये संकेत जा सकता है कि उच्चाधिकारियों ने, इन अपराधों की इरादतन अनुमति दी होगी।”

अपनी जाँच-पड़ताल के दौरान IIMM ने, देश में अंजाम दिए गए सर्वाधिक गम्भीर अन्तरराष्ट्रीय अपराधों के बारे में, लगभग 700 स्रोतों से, जानकारी एकत्र की, जिनमें 200 से अधिक प्रत्यक्षदर्शी यानि चश्मदीद गवाह शामिल थे।

इनके अलावा, तस्वीरें, वीडियो, ऑडियो सामग्री, दस्तावेज़, मानचित्र, आकाश से ली गई तस्वीरें, सोशल मीडिया सामग्री और फ़ोरेंसिक सबूत भी शामिल हैं।

रोहिंग्या के विरुद्ध हिंसा की जाँच

ये जाँच प्रणाली, म्याँमार में उस हिंसा की सक्रिय रूप से जाँच जारी रखे हुए है जिसके कारण, वर्ष 2016-2017 में, रोहिंग्या लोग, बड़े पैमाने पर, देश से बाहर भागने को मजबूर हुए थे।

रिपोर्ट में विशेष रूप से उस समय रोहिंग्या समुदाय के लोगों के विरुद्ध किए गए, यौन व लिंग आधारित अपराधों की तरफ़ ख़ास ध्यान खींचा गया था।

निकोलस कौमजियान ने कहा है, “यौन व लिंग आधारित अपराध, उन अति जघन्य अपराधों में शामिल हैं, जिनकी हम जाँच कर रहे हैं।”

“रोहिंग्या लोगों के ख़िलाफ़ चलाए गए उन जघन्य अपराधों के दौरान ये अपराध इतने खुलेआम गए, कि जिन प्रत्यक्षदर्शियों से हमने बातचीत की है, उन सभी के पास ये प्रासंगिक साक्ष्य मौजूद हैं।”

यह जाँच प्रणाली, सबूत, सूचना और विश्लेषण जानकारियाँ, उन सभी के साथ साझा कर रही हैं, जो अन्तरराष्ट्रीय आपराधिक कार्यालय (ICC), अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) और अर्जेंटीना में रोहिंग्या के सम्बन्ध में जारी मुक़दमों पर काम कर रहे हैं।

स्वतंत्र जाँच प्रणाली ‘म्याँमार के लिए स्वतंत्र जाँच प्रणाली’ के बारे में

म्याँमार के लिए स्वतंत्र जाँच प्रणाली का गठन, यूएन मानवाधिकार परिषद ने वर्ष 2018 में किया था, जिसने अगस्त 2019 में काम करना शुरू किया था।

इस प्रणाली में निष्पक्ष और अनुभवी पेशेवर व प्रशासनिक कर्मचारी काम कर रहे हैं। इसके पास स्वयं का पुलिस बल या ख़ुद के अभियोजक व जज नहीं हैं।

Brazen war crimes continue openly in Myanmar

(स्रोत: संयुक्त राष्ट्र समाचार)