जुगनू शारदेय

अब करो हंगामा संसद में । बोलो बोल भ्रष्टाचार के खिलाफ । आपका अपना झूठ ही सच बोल रहा है । पहले भी कई एक बार यह मामला सामने आया है । पर किसी
ने इसकी परवाह नहीं की । यहां किसी से मतलब नेता जी से है । चुनाव भी लड़ते थे और दावा भी करते थे कि माल कम है यहां । कोई आय कर वालों के
सामने तो नहीं दिखा रहे थे अपना माल । बच बचा के , हेराफेरी कर के चुनाव वालों के सामने दिखला रहे थे अपना माल । पर यह बड़े नाशुक्रे निकले इनकम
टैक्स वाले । पहली बार 300 राजनेताओं के खिलाफ उनके सालाना इनकम टैक्स रिटर्न और कुल जमा माल पर नजर गड़ाए हैं । उनको भी न छोड़ेंगे जिन्होने
बरसो बरस माल बनाया है और कभी सालाना रिटर्न दाखिल नहीं किया है । यह तो बड़ा झमेला बा …

झमेला हो या रेलमपेला या गोइठा का गोला । इसमें भी अपना देश का विदेश बिहार आगे है । समझो की इज्जत बच गई । बुरा हो ये सरकारी दुकानों का सबका
नाम नहीं बताते हैं । कोई प्रायवेट आदमी बताता है तो उसे बाद में माफी मांगनी पड़ती है । हम बयाना में ही माफी मांग लेते हैं । फिर भी एक सवाल
छोड़े जाते हैं कि यह लालू जी की नारी को फंसाने की चाल है या लालू जी का नारी के प्रति सम्मान है । अपनी राबड़ी देवी जी हैं ना तो उनका सालाना
इनकम टैक्सी रिटर्न है सात लाख रुपया । लेकिन चुनाव में दावा किया उन्होने कि माल है 24 करोड़ रुपया । यह तो बड़ा झमेला बा …

दगाबाजी की हद कर दी चुनाव आयोग ने । इसलिए हमारी चल – अचल संपत्ति गिनवाई थी कि बाद में इनकम टैक्स वालों को बता दोगे । नहीं जी नहीं , यह
तो ठीक बात नहीं । ठीक यह भी नहीं कि एक ही नाम बताते हो – वह भी देश के विदेश के के पुरानी रानी की । 300 लोगों में यही एक नाम मिला था बताने को
। जरा और नाम भी जानें । पर नहीं , तुम्हारी सरकार को नाम छिपाने की बीमारी है । यह तो बड़ा झमेला बा …

बात 300 की भी नहीं । उससे भी कम की है । या मेरा गणित प्रणब बाबू हो गया है । इनकम टैक्स का माइबाप कहलाता हे सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट
टैक्सेज । इसने पाया कि 103 राजनेताओं का चल अचल संपत्ति वाला शपथ पत्र उनके आय कर रिटर्न से मेल नहीं खाता । नेता हैं भाई – थोड़ा तो हेरा फेरी
करने दो । इनसे भले तो वह 195 नेता जिन्होने रिटर्न ही नहीं फाइल किया जबकि शपथ पत्र में अच्छा खासा माल दिखाया । यह ताकत है शपथ पत्र की । अभी
तो अमिताभ बच्चन ने कहा था मेरा वचन ,गीता की कसम । पता नहीं जब अंगरेजी अदालतें इस देश में नहीं आई थीं तो लोग काहे की कसम खाते होंगे । चलो खा
लेते होंगे , किसी की भी खाना ही है । घूस भी तो लोग खाते ही हैं । पर हमारी सरकार ने भी कसम खाई है कि नाम नहीं बताएंगे । मत बताओ । भुगतोगे
आप ही कि क्योंकि अब भ्रष्टाचारियों का नाम छिपाना भी एक बड़ा झमेला है ।