शान्ति और सुरक्षा

नई दिल्ली 7 जून 2023: संयुक्त राष्ट्र मानवीय राहतकर्मियों ने मंगलवार को आगाह किया है कि यूक्रेन के ख़ेरसॉन क्षेत्र में एक बड़े बाँध के तबाह होने से, अग्रिम मोर्चे पर फँसे हज़ारों लोगों की जान पर जोखिम है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इसे एक विशाल मानवीय, आर्थिक और पर्यावरणीय तबाही क़रार दिया है, जोकि उनके अनुसार यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का नतीजा है.

नोवा कख़ोवका जलविद्युत ऊर्जा प्लांट बाँध पर स्थित जलाशय से योरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र, ज़ैपरोझिया प्लांट को ठंडा करने के लिए जल आपूर्ति की जाती है.

हिंसक टकराव के शुरुआती दिनों में इस संयंत्र पर रूसी नियंत्रण के बाद से ही इसकी सुरक्षा के प्रति चिन्ताएँ व्यक्त की गई हैं.

यूक्रेन में यूएन कार्यालय ने अपने ट्वीट सन्देश में कहा कि सोवियत काल के बाँध और जलविद्युत संयंत्र के टूट जाने के बाद हज़ारों लोगों की ज़िन्दगियों पर जोखिम है.

नोवा कख़ोवका जलविद्युत ऊर्जा प्लांट बाँध कहाँ स्थित है?

यह बाँध यूक्रेन की सबसे बड़ी नदी, डनिप्रो पर स्थित है और वायरल वीडियो में जल के तेज़ बहाव को देखा जा सकता है.

डनिप्रो नदी पर बाँध टूटने का प्रभाव

यूएन के शीर्षतम अधिकारी ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में सुरक्षा परिषद कक्ष के बाहर पत्रकारों को बताया कि इस आपदा की वजह जानने के लिए संयुक्त राष्ट्र के पास स्वतंत्र स्रोत से प्राप्त जानकारी नहीं है.

“मगर, एक बात स्पष्ट है. यह यूक्रेन पर रूसी आक्रमण का एक विनाशकारी नतीजा है.” उन्होंने कहा कि इसके प्रभाव डनिप्रो नदी पर बड़ी संख्या में नगरों व शहरों में देखे जा सकते हैं.

महासचिव ने यूएन चार्टर, अन्तरराष्ट्रीय क़ानून और यूएन महासभा के प्रस्तावों के अनुसार न्यायसंगत शान्ति की अपील की है.

समाचार माध्यमों के अनुसार, रूसी क़ब्ज़े वाली इस इलाक़े में हमले के लिए यूक्रेन और रूस की सरकारों ने एक दूसरे पर दोषारोपण किया है.

विकट हालात : हजारों घर बर्बाद

इस आपदा में कम से कम 16 हज़ार लोगों के घर बर्बाद हो गए हैं. संयुक्त राष्ट्र और साझेदार संगठनों ने पेयजल, जल स्वच्छ करने के लिए सामग्री समेत प्रभावित इलाक़ों में जल्द से जल्द मदद मुहैया कराने का भरोसा दिलाया है.

प्राप्त समाचारों के अनुसार, हज़ारों लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है और अनेक नगरों में बड़े पैमाने पर पानी जमा हो गया है.

Ukraine dam's destruction could 'forever' change ecosystems

यूएन कार्यालय ने चिन्ता जताई है कि दीर्घकाल में, अनेक लोगों के बेघर हो जाने और विशाल स्तर पर राहत आवश्यकताएँ उपजने का ख़तरा है, जिससे रूसी आक्रमण का दंश झेल रहे यूक्रेनी नागरिकों के लिए संकट और गहरा जाएगा.

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) के अनुसार, स्वस्थ पर्यावरण और स्वच्छ जल की सुलभता के साथ-साथ आवास, स्वास्थ्य और आजीविका के अधिकारों के अधिकारों पर जोखिम है.

संगठन ने इस आपदा की पूर्ण जाँच और जवाबदेही तय किए जाने का आग्रह किया है.

परमाणु संयंत्र पर चिन्ताएँ

अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अनुसार पूर्वी यूक्रेन में नोवा कख़ोवका बाँध के क्षतिग्रस्त होने से ज़ैपरोझिया में परमाणु ऊर्जा संयंत्र को जल आपूर्ति कराने वाले जलाशय में जल स्तर में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.

यूएन एजेंसी के प्रमुख रफ़ाएल ग्रोस्सी ने कहा कि यदि शीतलन जल प्रणालियों में ठंडा करने वाला जल उपलब्ध ना होने की अवधि बढ़ती है, तो इससे ईंधन के पिघलने का ख़तरा है और संयंत्र में स्थित आपात डीज़ल जनरेटर को संचालित करना मुश्किल हो जाएगा.

‘तात्कालिक जोखिम नहीं’

बताया गया है कि परमाणु संयंत्र की सुरक्षा को फ़िलहाल तात्कालिक जोखिम नहीं है, और शीतलन प्रक्रिया के लिए जलाशय से प्राप्त होने वाली जल आपूर्ति कुछ दिनों तक सम्भव होगी.

यूएन परमाणु एजेंसी के निगरानीकर्ता ज़ैपरोझिया में उपस्थित है, जोकि फ़िलहाल रूस के नियंत्रण में है, मगर यूक्रेनी नागरिकों द्वारा संचालित किया जाता है.

इस संयंत्र में जलाशय के जल स्तर में आ रही गिरावट की दर पर क़रीबी नज़र रखी जा रही है.

रफ़ाएल ग्रोस्सी ने कहा कि ज़ैपरोझिया परमाणु संयंत्र के नज़दीक स्थित, शीतलन प्रक्रिया के लिए एक बड़ा तालाब, जल का वैकल्पिक स्रोत साबित हो सकता है.

उन्होंने ज़ोर देकर कहा है कि शीतलन प्रक्रिया में इस्तेमाल में लाए जाने वाले इस तालाब की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है.

(स्रोत : संयुक्त राष्ट्र समाचार )